1990 में बिहार की राजनीति में कुछ ऐसा हुआ, जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी. मुख्यमंत्री बन चुके लालू प्रसाद यादव ने वो किया जो किसी नेता ने पहले कभी नहीं किया. उन्होंने भव्य मुख्यमंत्री बंगले को ठुकरा दिया और रहने चले गए पटना वेटरनरी कॉलेज के एक चपरासी के क्वार्टर में! आखिर ऐसा क्यों किया लालू ने? क्या ये सिर्फ सादगी थी, या जनता को एक संदेश देने की कोशिश? यह कहानी आपको ले जाएगी उस मिट्टी की गलियों में, जहां से बिहार की सरकार चली, जहां बैठकों में ठहाके गूंजते थे, और सादगी बन गई थी सत्ता की पहचान... देखिए कैसे एक नेता ने सादगी को अपनी ताकत बना दिया...