उत्तराखंड में हर साल हो रही 11 टाइगर्स की मौत, NTCA ने रिपोर्ट में किया चौंका देने वाला खुलासा

उत्तराखंड में टाइगर की मौत को लेकर चौका देने वाला खुलासा हुआ है. NTCA ने इसपर रिपोर्ट जारी की है. 2024 में उत्तराखंड के अंदर 8 टाइगर्स की मौत का खुलासा किया है. 29 प्रतिशत मामले पर अभी भी जांच की जा रही है.;

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Edited By :  सार्थक अरोड़ा
Updated On : 3 Jan 2025 7:42 PM IST

उत्तराखंड के देहरादून से टाइगर की मौत को लेकर चौका देने वाला खुलासा हुआ है. दरअसल नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (NTCA) ने एक रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट में पिछले 12 सालों के दौरान हर साल 11 बाघों के जान चली जाने की जानकरी सामने आई है. जानकारी के अनुसार ये आंकड़ा साल 2024 में कम हुआ था. लेकिन फिर भी संतोषजनक नहीं है. ऑथोरिटी ने साल 2024 में उत्तराखंड के अंदर 8 टाइगर्स की मौत का खुलासा किया है.

12 सालों में 1386 मौतें

NTCA ने रिपोर्ट में बताया कि अब तक 12 सालों में 1386 मौतें हुई हैं. हालांकि इन मौतों का कारण स्पष्ट नहीं हुआ है. वहीं उत्तराखंड में सबसे अधिक टाइगर्स की मौत कॉर्बेट टाइगर रिजर्व या इसके आसपास इलाकों में हुई है. इस पर वन मंत्री सुबोध उनियाल की प्रतिक्रिया आई है. उनका कहना है कि उत्तराखंड में टाइगर्स की सुरक्षा पर बेहतर तरीके से काम हो रहा है.

मौत के आंकड़े पर की जा रही जांच

वहीं इस मौत के आंकड़ों पर कारणों पर गौर किया जाए तो साल 2024 में 90 प्रतिशत से अधिक टाइगर्स की मौत हुई. हालांकि इसके पीछे के कारणों पर जांच पड़ताल जारी है. हालांकि इनमें 13 की नेचुरली मौत हुई है. हालांकि इनमें एक को शिकारी ने अपना शिकार बना लिया था. आपको बता दें कि देशभर में कुल बाघों की संख्या 3,682 है. MP पहले नंबर पर है जहां एमपी में 785 बाघ हैं. वहीं इसके बाद दूसरे नंबर पर कर्नाटक है जहां 560 बाघों का आंकड़ा दर्ज किया गया है. इसी के साथ उत्तराखंड तीसरे नंबर पर है. जहां रिपोर्ट के अनुसार 560 बाघ रिकॉर्ड हुए हैं. हालांकि इसपर जांच जारी है. अभी भी 71 प्रतिशत ऐसे मामले हैं जहां जांच और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सामने आने के बाद उन मामलों पर जांच बंद कर दी गई है. महज 29 प्रतिशत मामले ऐसे हैं जिनपर जांच की जा रही है.

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