UCC में होगा बदलाव! मैरिज रजिस्ट्रेशन की बढ़ सकती है अवधि, धामी सरकार का क्या है प्लान?

UCC Law: उत्तराखंड सरकार यूसीसी कानून में मैरिज रजिस्ट्रेशन की अवधि 6 महीने से बढ़ाकर 1 साल कर सकती है. इस संबंध में राज्य गृह विभाग एक प्रस्ताव तैयार करके विधि विभाग को भेजा दिया गया है. मंजूरी मिलने पर इसे संसद में कैबिनेट एवं अगस्त 2025 के मानसून सत्र के दौरान विधानसभा में पेश किया जाएगा.;

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Edited By :  निशा श्रीवास्तव
Updated On : 4 Dec 2025 3:18 PM IST

UCC Law: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 27 जनवरी 2025 को राज्य में समान नागरिक संहिता (UCC) कानून लागू किया, जिससे उत्तराखंड भारत का पहला ऐसा राज्य बन गया जिसने यह प्रयोग शुरू किया है. इस घोषणा से लेकर लागू होने तक विपक्षी पार्टियों में काफी चर्चा और विरोध भी हुआ, लेकिन धामी सरकार अपने निर्णय पर दृढ़ रही .

यूसीसी में बदलाव के बाद उत्तराखंड में मैरिज रजिस्ट्रेशन की समयसीमा एक साल बढ़ाई जा सकती है. इस संबंध में राज्य गृह विभाग एक प्रस्ताव तैयार करके विधि विभाग को भेजा दिया गया है. अगर मंजूरी मिल जाती है तो इसे पहल में लाया जाएगा.

UUC में बदलाव के लिए पत्र

मुख्यमंत्री धामी सरकार अब इस कानून में कुछ संशोधन लाने की प्रक्रिया में है. प्रस्ताव के अनुसार मैरिज रजिस्ट्रेशन की समयसीमा को 60 दिनों से बढ़ाकर 1 साल किया जा सकता है. इस प्रस्ताव को राज्य गृह विभाग ने तैयार कर विधि विभाग को भेजा है. मंजूरी मिलने पर इसे संसद में कैबिनेट एवं अगस्त 2025 के मानसून सत्र के दौरान विधानसभा में पेश किया जाएगा. इसके तहत पहले हो चुके विवाह को रजिस्टर कराने की छूट मिलती है.

कितनी बार हुआ संशोधन?

यूसीसी में अब तक 15 से 20 संशोधन किए गए हैं. अब विवाह के 6 महीने वाले नियम में बदलाव की बारी है. अगर प्रस्ताव पास हो जाता है तो कई युवाओं को राहत मिलेगी. बता दें कि उत्तराखंड सरकार ने 27 जनवरी 2025 को यूसीसी लागू किया था और ऐसा करने वाला वह भारत का पहला राज्य बन गया है. अब तक राज्य में 2 लाख 55 हजार 443 मैरिज रजिस्ट्रेशन कराए जा चुके हैं.

सूत्रों का कहना है कि यूसीसी में ट्रांसजेंडर, समलिंगी विवाह के पंजीकरण से जुड़ा नियम शामिल किया जा सकता है. साथ ही आधार कार्ड को अनिवार्य किया जाएगा समेत और भी कई बदलाव हो सकते हैं. इस कानून के तहत लिव-इन संबंध को लागू होने के एक महीने के भीतर पंजीकृत करना अनिवार्य है. यदि कोई दंपति ऐसा नहीं करता है, तो जुर्माना 10,000 रुपये या जेल की सजा तथा 25,000 रुपये तक का जुर्माना एवं छह महीने तक की सजा हो सकती है.

क्या है UCC?

यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) एक प्रस्तावित कानूनी ढांचा है, जिसका उद्देश्य भारत में सभी धार्मिक समूहों के लिए एक समान निजी कानून लागू करना है. चाहे वह विवाह, तलाक, वारिसी, गोद लेना, या संतान संरक्षण से संबंधित हो. वर्तमान में विभिन्न धर्मों के अनुसार व्यक्तिगत कानून होते हैं, जैसे हिंदू विवाह अधिनियम, मुस्लिम शरीयत कानून आदि, जिन्हें UCC एक सामान्य कानून में बदलने का प्रयास करता है. गोवा और उत्तराखंड में इस दिशा में कदम उठाए गए हैं. हालांकि राष्ट्रीय स्तर पर अभी यह कानून व्यापक रूप से लागू नहीं हुआ है.

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