Moonlight Evidence: 'चांद की गवाही' ने खोला अंकिता भंडारी हत्याकांड का राज, पुलकित आर्य को किया बेनकाब

ऋषिकेश रिसॉर्ट हत्याकांड में पुलिस ने चंद्रमा की स्थिति को महत्वपूर्ण सबूत के रूप में इस्तेमाल किया. आरोपी पुलकित आर्य ने दावा किया था कि रात 9 बजे पर्याप्त चांदनी थी, लेकिन वैज्ञानिक डेटा से पता चला कि चांद उस रात करीब 11 बजे निकला था. इस तथ्य ने आरोपी की कहानी को झूठा साबित कर दिया और विशेष जांच टीम को उसे और उसके साथियों को दोषी ठहराने में मदद मिली.;

By :  अच्‍युत कुमार द्विवेदी
Updated On : 31 May 2025 11:30 AM IST

Moonlight evidence in Ankita Bhandari murder case: उत्तराखंड के ऋषिकेश में 19 वर्षीय रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी की हत्या के मामले में पुलिस ने एक अनोखे वैज्ञानिक तरीके से सबूत जुटाकर आरोपियों को दोषी ठहराने में सफलता पाई है. मुख्य आरोपी पुलकित आर्य, जो एक पूर्व भाजपा मंत्री का बेटा है, ने दावा किया था कि 18 सितंबर 2022 की रात करीब 9 बजे अंकिता गलती से बैराज में गिर गई थी, और उस समय पर्याप्त चांदनी थी, जिससे वे उसे गिरते हुए देख सके और बचाने की कोशिश कर सके.

हालांकि, विशेष जांच दल (SIT) की प्रमुख पी. रेनुका देवी के अनुसार, कोलकाता के मौसम विज्ञान वेधशाला से प्राप्त जानकारी से पता चला कि उस दिन चंद्रमा का उदय लगभग रात 11 बजे हुआ था. इसका मतलब है कि रात 9 बजे के आसपास उस क्षेत्र में घना अंधेरा था, और प्राकृतिक चांदनी नहीं थी. इस तथ्य ने पुलकित के बयान को झूठा साबित कर दिया, क्योंकि उस समय बिना कृत्रिम प्रकाश के किसी को देखना संभव नहीं था.

पुलकित आर्य को दोषी ठहराने में वैज्ञानिक साक्ष्य से मिली मदद

इस वैज्ञानिक साक्ष्य ने पुलकित आर्य के बयान में विरोधाभास को उजागर किया और अदालत में उसे और उसके दो सहयोगियों को दोषी ठहराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. यह मामला दर्शाता है कि कैसे आधुनिक वैज्ञानिक तकनीकों का उपयोग करके जटिल अपराधों को सुलझाया जा सकता है और न्याय सुनिश्चित किया जा सकता है. 

24 सितंबर 2022 को हुआ एसआईटी का गठन

बता दें कि मामले में एसआईटी का गठन 24 सितंबर 2022 को हुआ. रिसेप्शनिस्ट महिला 18 सितंबर 2022 को लापता हो गई थी. उसका शव बाद में ऋषिकेश के पास चिल्ला बैराज में मिला. इसके तुरंत बाद एसआईटी ने पुलकित आर्य और उसके साथियों सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को रिमांड पर लिया. तीनों को हत्या का दोषी पाया गया और 30 मई को कोटद्वार की कोर्ट ने उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई. पुलकित पर आईपीसी की धारा 302, 201 और 354 ए के तहत आरोप लगाए गए. वहीं, भास्कर और गुप्ता पर धारा 302 और 201 के तहत आरोप लगाए गए.

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