केदारनाथ के कपाट हुए बंद, ऊखीमठ के लिए निकली बाबा की डोली; अबतक कितने श्रद्धालुओं ने किए दर्शन?
Kedarnath Temple Close: केदारनाथ धाम की यात्रा मई की शुरुआत में खुलने के बाद ये श्राइन 23 अक्टूबर को बंद होने वाला है, जिसे भाई दूज के दिन माना गया है. इस साल तकरीबन 16.5 लाख से ऊपर लोगों ने केदारनाथ धाम पहुंचे.;
Kedarnath Temple Close: उत्तराखंड के चार धामों में शामिल केदारनाथ के कपाल गुरुवार 23 अक्टूबर यानी भाई दूज के दिन सुबह करीब 8.30 बजे विधि-विधान के साथ 6 महीने के लिए बंद हो गए. इस साल 17 लाख से ज्यादा भक्तों ने दर्शन किए.
केदारनाथ यात्रा मई में शुरू हुई थी और अब शीत के लिए मंदिर बंद हो गया है. इस दौरान भारी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे और महादेव की पूजा-अर्चना की. मौसम की चुनौतियों के बावजूद इस साल तकरीबन 16.5 लाख से ऊपर लोगों ने केदारनाथ धाम पहुंचे.
केदारनाथ मंदिर के कपाट हुए बंद
हर साल भाई दूज के दिन केदारनाथ मंदिर के कपाट बंद किए जाते हैं. आज सुबह 4 बजे से ही विशेष पूजा -अर्चना के साथ शुरू की गई. इस दौरान उत्तराउंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मौजूद रहे.
उनके साथ जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग प्रतीक जैन, पुलिस अधीक्षक अक्षय कोंडे, मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीकेटीसी विजय थपलियाल सहित तीर्थ पुरोहितगण व श्रद्धालु भी उपस्थित रहे.
बाबा केदार की डोली
केदारनाथ धाम बंद होने के बाद, बाबा केदारनाथ की पवित्र डोली का यात्रा-आरंभ हो गया है. यह डोली जिसमें भगवान केदारनाथ का प्रतिरूप विराजमान है. वह धाम से उठकर अगले पड़ाव पर निकल पड़ी है जिससे ऊंचे हिमालयी क्षेत्र में शीतकाल में सुरक्षित स्थान पर पूजा-अर्चना जारी रहे.
यात्रा की शुरुआत के बाद पहला पड़ाव रामपुर में निर्धारित है, जहां डोली थोड़ी देर के लिए विश्राम करेगी. इसके बाद डोली अगली सुबह यात्रा जारी रखते हुए गुप्तकाशी पहुंचेगी, जहां पर श्रद्धालुओं की संख्या और उत्सव का माहौल देखने को मिलता है.
ओंकारेश्वर मंदिर में रहेंगे महादेव
25 अक्तूबर को यह डोली अपने गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ पहुंच जाएगी. वही स्थान है जहां भगवान केदारनाथ शीतकाल-कालीन निवास करते हैं, जब मंदिर भारी हिमपात के कारण बंद हो जाता है.
केदारनाथ यात्रा का महत्व
केदारनाथ यात्रा हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण मानी जाती है. यह यात्रा उत्तराखंड राज्य के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित केदारनाथ धाम तक जाती है, जो भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है. यह स्थान चारधाम यात्रा का एक अभिन्न हिस्सा है, जिसमें यमुनोत्री, गंगोत्री और बद्रीनाथ भी शामिल हैं. केदारनाथ मंदिर समुद्रतल से लगभग 3,583 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, जो इसे एक प्रमुख तीर्थ स्थल बनाता है.