लगातार हो रही दुघर्टनाओं पर हुआ हेली सेवा ऑडिट, हवा में लटकी जांच रिपोर्ट, 15 सितंबर से फिर शुरू होगी केदारनाथ यात्रा
केदारनाथ यात्रा के लिए हेलीकॉप्टर हादसों ने लोगों की सुरक्षा पर कई सवाल खड़े किए हैं. हालांकि, केदारनाथ हेली हादसे की जांच रिपोर्ट का इंतजार अभी जारी है, लेकिन DGCA की ऑडिट रिपोर्ट और गृह सचिव की अध्यक्षता वाली कमेटी के कदमों से उम्मीद है कि पहाड़ी इलाकों में हेली सेवा अब और ज्यादा सुरक्षित हो सकेगी.;
रुद्रप्रयाग जिले के केदार रूट पर हुए हेलीकॉप्टर हादसे ने पूरे क्षेत्र को हिलाकर रख दिया था. जून महीने में हुई इस दुर्घटना में सात लोगों की मौत हो गई थी. हादसे के तुरंत बाद जांच के आदेश तो दे दिए गए, लेकिन अब तक जांच रिपोर्ट सामने नहीं आई है. केंद्र सरकार का एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो इस मामले की बारीकी से जांच कर रहा है. तकनीकी और जटिल प्रकृति के कारण इस रिपोर्ट के आने में समय लग रहा है.
उत्तराखंड जैसे पहाड़ी प्रदेशों में हवाई सेवा को सुरक्षित बनाना हमेशा से बड़ी चुनौती रही है. खासकर केदारनाथ वैली में फ्लाइंग बेहद जोखिम भरी मानी जाती है. इसी वजह से पूरे देश में हेली सर्विस से जुड़े समिट की शुरुआत उत्तराखंड से हुई और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंच से भी इस समस्या को उठाया. कई बार हुए हादसों के कारण यहां केरल से बेहतर गाइडलाइन्स बनाने की आवश्यकता महसूस की गई है.
DGCA ने किया ऑडिट
जांच रिपोर्ट का इंतजार जारी है, लेकिन इंवेस्टिगेशन से पहले ही DGCA ने केदारनाथ हेली रूट का ऑडिट पूरा कर लिया है. यह ऑडिट उत्तराखंड सिविल एविएशन विभाग के साथ शेयर किया जाएगा. इसी आधार पर भविष्य में इस रूट पर हवाई सेवा को सुरक्षित बनाने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे.
कमेटी SOP तैयार करेगी
सुरक्षा बढ़ाने के लिए गृह सचिव की अध्यक्षता में दस सदस्यीय एक कमेटी भी बनाई गई है. यह कमेटी केदार रूट के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) तैयार करेगी. कमेटी की पहली बैठक भी हो चुकी है और अब इसका फोकस आने वाली यात्राओं को सुरक्षित बनाने पर है.
15 सितंबर से फिर शुरू होगी यात्रा
आने वाले 15 सितंबर से केदारनाथ रूट पर हेली सेवा फिर से शुरू होने वाली है. इसके लिए DGCA ने उत्तराखंड सिविल एविएशन विभाग को निर्देश दिए हैं कि वे सुरक्षा नियमों का कड़ाई से पालन करवाएं. दुर्घटनाओं के बाद यह कदम यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बेहद जरूरी माना जा रहा है.