नीम करोली बाबा आश्रम के पास 26500 रुपये में बुक किया होटल, बाद में पता चला कि...

डॉक्टर ने नीम करोली बाबा के आश्रम की दो दिन की यात्रा के लिए 26,500 रुपये का पेमेंट किया, डॉक्टर और उसकी बेटी को उस समय बड़ा झटका लगा जब उन्हें पता चला कि नैनीताल के नजदीक कैंची धाम की दो रात की यात्रा के लिए उन्होंने जो होटल बुक किया था, वास्तव में वहां कोई होटल ही नहीं है.;

( Image Source:  social media-X )
Edited By :  कुसुम शर्मा
Updated On : 24 Jan 2025 12:34 PM IST

यूं तो ठगी के एक से एक मामले हर दिन सामने आते रहते हैं, और धार्मिक स्‍थलों पर भी कई लोगों के साथ धोखाधड़ी होती रहती है. ऑनलाइन ठगी के मामले आजकल आम हो गए हैं. ऐसे ही एक मामले में एक डॉक्‍टर को 26 हजार रुपये से भी ज्‍यादा की चपत लग गई.

डॉक्टर ने नीम करोली बाबा के आश्रम कैंची धाम की दो दिन की यात्रा के लिए 26,500 रुपये में होटल में कमरा बुक किया था, ऑनलाइन पेमेंट भी कर दी, लेकिन जब वहां पहुंचे तो पता चला कि वहां ऐसा कोई होटल ही नहीं है. एलांटिस हेल्थकेयर के चेयरमैन डॉ. मन्नन गुप्ता ने फरवरी की शुरुआत में एक यात्रा की योजना बनाई थी.

डॉ. गुप्ता ने बताया, "हम (नीम करोली बाबा) आश्रम (जिसे कैंची धाम के नाम से भी जाना जाता है) के पास कहीं ठहरना चाहते थे." ऑनलाइन होटल खोजते समय उन्हें कैंची धाम आश्रम नाम का एक किफायती होटल मिला. गुप्ता ने बताया कि होटल के एक कर्मचारी ने उन्हें बताया कि होटल नीम करोली मंदिर परिसर के अंदर स्थित है.''

संदेह होने के बावजूद डॉक्टर ने किया पेमेंट

वहीं गुप्ता ने कहा, "कमरे साधारण लग रहे थे और कीमत भी मामूली थी. मैं दो कमरे बुक करना चाहता था." उन्होंने बताया कि इसके लिए उन्हें होटल का बैंक डिटेल भी शो किया गया था. गुप्ता ने कहा, "मुझे थोड़ा संदेह हुआ, क्योंकि कर्मचारी ने जो बैंक डिटेल दिया था, वह होटल के नाम से नहीं था. जब मैंने उससे पूछा, तो उसने मुझे कहा कि यह होटल का बैंक खाता है."

हालांकि, जब 13,050 रुपये का भुगतान हो गया, तो कर्मचारी ने जोर देकर कहा कि उसे पैसे नहीं मिले हैं. गुप्ता ने बताया कि वह कर्मचारी के साथ कई बार बातचीत करते रहे, उन्होंने अपने NEFT ट्रांजेक्शन की जानकारी और भुगतान का स्क्रीनशॉट साझा किया.

पेमेंट के बाद घोटाले का हुआ एहसास

वहीं डॉक्टर गुप्ता ने आगे कहा कि, "इसके बाद होटल कर्मचारी ने यूपीआई के माध्यम से पैसे का भुगतान करने की मांग की और कहा कि वह एनईएफटी के माध्यम से भुगतान किए गए पैसे वापस कर देगा." जहां डॉक्टर ने यूपीआई के ज़रिए दूसरी बार 13,450 रुपए का पेमेंट किया, उसके बाद कर्मचारी गायब हो गया. "उसने मेरे कॉल, यहां तक कि मेरे अकाउंटेंट के कॉल भी उठाने बंद कर दिए. एक दिन तक लगातार कॉल करने के बाद मुझे एहसास हुआ कि यह एक घोटाला था. फिर मुझे पता चला कि ऐसा कोई होटल है ही नहीं."

जिसके बाद डॉ. गुप्ता ने साइबर पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई और पुलिस ने बताया कि यह ऑपरेशन मेरठ से चलाया जा रहा था. डीसीपी रवि कुमार सिंह ने जानकारी देते हुए कहा कि, "हम मामले की जांच कर रहे हैं."

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