हलाला पर रोक, प्रॉपर्टी में अब बेटी भी कानूनी हकदार! उत्तराखंड में UCC आने से हुए ये 10 बदलाव
Uttarakhand UCC: उत्तराखंड की धामी सरकार ने सोमवार को प्रदेश में समान नागरिक संहिता यानी यूसीसी को लागू कर दिया है. अब प्रदेश में सभी जाति, धर्म के लोगों के लिए एक ही कानून होगा और एक से ज्यादा शादियां बैन होगीं. यूसीसी से आने से लिव-इन रिलेशन, प्रॉपर्टी, वसीहत का एलान सहित कई बदलाव हुए हैं.;
Uttarakhand UCC: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार (27 जनवरी) को प्रदेश में समान नागरिक संहिता (UCC) को लागू कर दिया है. ऐसा करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया है. इसके तहत राज्य में किसी भी धर्म का पर्सनल खत्म हो जाएंगे और सभी के लिए एक कानून होगा. अब विवाह, तलाक, लिव-इन रिलेशनशिप और वसीयत के रजिस्ट्रेशन के लिए एक पोर्टल लांच किया है.
जानकारी के अनुसार, उत्तराखंड में यूसीसी लागू होने के बाद बहुत से नियम बदल गए हैं. इसमें युवाओं को लिव-इन-रिलेशन के लिए रजिस्ट्रेशन कराना, प्रॉपर्टी का रिस्ट्रेशन, तलाक का रजिस्ट्रेशन समेत कई नियम बदल गए हैं. उत्तराखंड कानून से उम्मीद है कि यह यूसीसी को लागू करने का लक्ष्य रखने वाले अन्य राज्यों के लिए एक आदर्श कानून के रूप में कार्य करेगा. आज हम आपको यूसीसी के बाद हुए 10 बड़े बदलाव के बारे में बताएंगे.
उत्तराखंड में UCC लागू के बाद 10 बदलाव
- उत्तराखंड UCC लागू करने वाला भारत का पहला राज्य बन गया है.
- राज्य में विवाहों और लिव-इन रिलेशनशिप का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा. इसमें कपल को अपनी पहचान, उम्र, धर्म और आधार कार्ड जैसी डिटेल देनी होगी.
- लिव-इन कपल को अपने रिश्ते का पंजीकरण स्थानीय रजिस्ट्रार के पास करवाना होगा. जिससे यह सुनिश्चित किया जा सकते कि दोनों कानूनी रूप से बालिग हैं.
- अगर लिव-इन रिलेशन एक महीने से ज्यादा चलता है और उसका रजिस्ट्रेशन नहीं कराया जाता है तो इसके लिए जुर्माना लगाया जा सकता है. जिसमें 3 महीने जेल और 10,000 रुपये तक का फाइन शामिल है.
- शादी के पंजीकरण न कराने पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है. अगर उप-रजिस्ट्रार से नोटिस मिलने के बाद भी पंजीकरण नहीं किया जाता है.
- यूसीसी के तहत एक पोर्टल लॉन्च किया गया है, जिसके माध्यम से विवाह और लिव-इन रिलेशनशिप का पंजीकरण कर सकते है. यह पोर्टल उत्तराखंड के नागरिक और भारत में कहीं और रहने वाले मूल निवासियों के लिए अलग-अलग कैटेगरी का ऑप्शन देगा. यहां पर आवेदकों को फोटो और डिटेल देनी होगी. साथ ही बच्चों के जन्म प्रमाणपत्र को 7 दिन के अंदर पंजीकृत करना होगा.
- यह कानून दो शादी या उससे ज्यादा शादी पर प्रतिबंध लगाता है.
- यह प्रावधान महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करता है. क्योंकि यह सुनिश्चित करता है कि एक व्यक्ति के पास कानूनी रूप से एक ही पत्नी हो.
- उत्तराखंड में अब संपत्ति और उत्तराधिकार के मामलों में पूरी पारदर्शिता होगी. वसीहत की घोषणा, उत्तराधिकार और गवाहों के आधार पर जानकारी सहित डॉक्यूमेंट्स की जांच की जाएगी. गवाहों को वसीयत का एलान करते समय अपनी वीडियो रिकॉर्डिंग अपलोड करनी होगी. इससे संपत्ति को लेकर विवाद कम होंगे.
- यूसीसी से प्रदेश में दो बड़े ऐतिहासिक बदलाव होने जा रहे हैं. एक हलाला जैसी प्रथा पर रोक और दूसरा उत्तराधिकार में लड़कियों को लड़कों के बराबर हिस्सेदारी मिलेगी.