अखिलेश यादव ने उपचुनावों को क्‍यों बताया देश का सबसे ज्‍यादा परेशान करने वाला चुनाव?

यूपी में होने वाले उपचुनाव को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने पूरा जोर लगाया है. वहीं, अखिलेश यादव भी मैदान में डटे रहे हैं. चुनावी सरगर्मी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि चुनाव प्रचार समाप्त होने के आखिरी दिन अखिलेश यादव ने उपचुनाव को सबसे कठिन इलेक्शन करार दिया है.;

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Curated By :  नवनीत कुमार
Updated On : 19 Nov 2024 4:11 PM IST

उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने वाला है. इसके लिए बुधवार को वोट डाले जाएंगे. बता दें, यूपी की 403 में से 10 विधानसभा सीटों के खाली होने के बाद उपचुनाव होना था. अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर कानूनी मामले के कारण चुनाव आयोग ने चुनाव न कराने का फैसला लिया. पहले मतदान की तारीख 13 नवंबर थी लेकिन इस तारिख को 20 नवंबर के लिए बढ़ा दिया गया था.

अब मतदान से ठीक पहले सपा अध्‍यक्ष अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग से शिकायत की है. अखिलेश यादव ने प्रशासनिक अधिकारियों पर उपचुनाव में पक्षपात करने का आरोप लगाया है. लाल रंग की एक पर्ची की फोटो शेयर करते हुए उन्‍होंने कहा कि अधिकारी ये लाल कार्ड बांटकर मतदाताओं पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने चुनाव आयोग से इस मामले का संज्ञान लेकर तत्काल कार्रवाई करने की मांग की है.

अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि चुनाव आयोग तुरंत इस बात का संज्ञान ले कि उप्र में शासन-प्रशासन पक्षपात पूर्ण रवैया अपना रहा है और मतदान को बाधित करने के लिए ‘नोटिस-चेतावनी’ के लाल कार्ड बाँटकर मतदाताओं पर दबाव बना रहा है. ये एक तरह से संविधान द्वारा दिये गये वोटिंग के अधिकार को छीनने का ग़ैर-क़ानूनी कृत्य है. इसे एक अपराध की तरह दर्ज करके तुरंत कार्रवाई की जाए अन्यथा माननीय सर्वोच्च से ये अपील होगी कि वो स्वतः संज्ञान लेते हुए पक्षपाती शासन-प्रशासन को निष्पक्ष चुनाव कराने का निर्देश दे.

उपचुनाव को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने पूरा जोर लगाया है. वहीं, अखिलेश यादव भी मैदान में डटे रहे हैं. चुनावी सरगर्मी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि चुनाव प्रचार समाप्त होने के आखिरी दिन अखिलेश यादव ने उपचुनाव को सबसे कठिन इलेक्शन करार दिया है.

प्रशासनिक सक्रियता पर भी उठाए सवाल

उपचुनाव को लेकर सपा अध्यक्ष फायर मोड में दिख रहे हैं. हाल ही दिए गए उनके बयानों ने काफी हलचल मचाई है. अब अखिलेश यादव ने प्रशासनिक सक्रियता को लेकर चिंता जताई है. बता दें, मतदान को लेकर वोटरों को भयमुक्त माहौल के लिए पुलिस की ओर से पेट्रोलिंग की गई. इसका वीडियो शेयर करते हुए भी अखिलेश यादव ने सवाल खड़े किए.

उन्होंने लिखा, "ये मणिपुर नहीं है, ये उप्र के सीसामऊ विधानसभा सभा क्षेत्र के उपचुनाव से आई तस्वीरें हैं. सवाल ये है कि क्या उप्र सरकार की नाकामी की वजह से जनता में अब इतना विश्वास नहीं रह गया है कि वो बेख़ौफ़ वोट डालने बाहर निकल सके, इसीलिए इस (तथाकथित) विश्वास को उपजाने के लिए ये क़वायद की जा रही है. जनता सब समझती है कि ये क्यों किया जा रहा है. लोकतंत्र ‘दलबल’ से नहीं ‘जनबल’ से चलता है और हमेशा चलता रहेगा. किसी से न डरें, जमकर वोट करें!

क्या है अखिलेश यादव की चिंता?

अखिलेश यादव ने कहा कि जनता सब समझती है कि ये क्यों किया जा रहा है? लोकतंत्र 'दलबल' से नहीं 'जनबल' से चलता है और हमेशा चलता रहेगा. उन्होंने कहा कि किसी से न डरें, जमकर वोट करें. साथ ही, बुर्के उठाकर वोटर की जांच न करने की भी मांग की गई है. बुर्का उठाए जाने से महिलाओं में डर का माहौल बनता है.

बीजेपी और सपा के बीच सीधी टक्कर

इस उपचुनाव में बीजेपी और सपा के बीच मुकाबला नजर आ रहा है. सपा ने सभी 9 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि भाजपा ने 8 और सहयोगी रालोद ने 1 सीट पर उम्मीदवार दिए हैं. चुनावी प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अखिलेश यादव ने पूरी ताकत झोंक दी थी. अखिलेश यादव के कठिन चुनाव को भाजपा की बदली रणनीति से जोड़कर देखा जा रहा है.

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