किसने कहा मैं कुंभ छोड़ के चला गया? नए वीडियो में क्या-क्या बोले IIT वाले बाबा

वीडियो में IIT बाबा ने कहा, 'मैं महाकुंभ से भागा नहीं हूं. उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट, इंस्टाग्राम पर लाइव सेशन के जरिए कई सवालों के जवाब दिए. उन्होंने कहा, "मेरे बारे में भ्रमित करने वाली खबरें फैलाई जा रही हैं कि मैं महाकुंभ छोड़कर कहीं चला गया हूं.;

Edited By :  सागर द्विवेदी
Updated On : 18 Jan 2025 1:03 PM IST

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में कुछ चर्चित चेहरे सुर्खियों में बने हुए हैं. इनमें से एक IIT वाले बाबा को लेकर मीडिया में कल से खबरें आ रही थीं कि वे कहीं गायब हो गए हैं. हालांकि, अब उनका एक नया वीडियो सामने आया है जिसमें उन्होंने स्पष्ट किया है कि वे कहां हैं?

वीडियो में IIT बाबा ने कहा, 'मैं महाकुंभ से भागा नहीं हूं. उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट, इंस्टाग्राम पर लाइव सेशन के जरिए कई सवालों के जवाब दिए. उन्होंने कहा, "मेरे बारे में भ्रमित करने वाली खबरें फैलाई जा रही हैं कि मैं महाकुंभ छोड़कर कहीं चला गया हूं. लेकिन ऐसा कुछ नहीं है.मैं यहीं हूं और कल्पवास करूंगा.'

ये क्या कह रहे IIT बाबा?

बाबा ने यह भी बताया कि अखाड़ों के विचार काफी सीमित होते हैं.उन्होंने कहा, 'खाड़े के लोगों को लगता था कि मैं ज्यादा फेमस हो गया हूं.वे चाहते थे कि मैं यह कहूं कि मैं उनके अखाड़े से जुड़ा हूं.लेकिन मैंने साफ कर दिया है कि मैं यहां कुछ सीखने आया हूं.

IIT बाबा ने इंस्टाग्राम पर एक लाइव सेशन किया, जिसका कैप्शन उन्होंने दिया, 'Some Clarity' इस सेशन में उन्होंने अपनी स्थिति को स्पष्ट करते हुए कहा, "अखाड़े के लोगों ने नाराज होकर मुझे निकाल दिया है. कुछ अखाड़ों के विचार इतने सीमित होते हैं कि अगर आप वहां सत्य लेकर जाएं, तो वे अपने तय सिस्टम से ही चलते हैं.

उन्होंने आगे कहा, 'अखाड़ों के लोग वहां बस वैसे ही पड़े हुए हैं. उनका तीस साल का करियर बन गया है, और वे उसी ढर्रे पर चलते रहते हैं. अब हम क्या कर सकते हैं? जो जैसे हैं, उन्हें वैसे ही रहने दिया जाए. IIT बाबा ने अपनी बातों से यह जाहिर किया कि उनके विचार अखाड़ों की पारंपरिक सोच से मेल नहीं खाते, लेकिन वह अपने लक्ष्य पर केंद्रित हैं.

IITian Baba का एक पुराना वीडियो, जो महाकुंभ से जुड़ा है, इन दिनों फिर से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस वीडियो में बाबा ने अपने अनोखे अंदाज में विचार साझा किए थे. उन्होंने कहा, "सोच के देखो, जब बिकनी पहनकर लेक के सामने बैठने की जगह कुर्ता-पायजामा पहनकर मंदिर के सामने बैठना फैशन हो जाए, तो क्या होगा?"

यह बयान अब चर्चा का विषय बन गया है, और लोग इसे अलग-अलग नजरिए से देख रहे हैं. कुछ इसे उनकी परंपरा और आध्यात्मिकता की ओर बढ़ती सोच मान रहे हैं, तो कुछ इसे समाज में बदलाव की कल्पना के रूप में देख रहे हैं.

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