सपा के गढ़ में BJP ने लगाई सेंध! 11 मुस्लिम उम्मीदवारों को रामवीर ठाकुर ने चटाई धूल, कैसे हुआ ये चमत्कार?

UP Bypoll Results 2024: यूपी की कुंदरकी विधानसभा सीट पर रामवीर ठाकुर ने इतिहास रच दिया. मुस्लिम बहुल इलाके से भाजपा उम्मीदवार अकेले हिंदू हैं और 11 अन्य मुस्लिम उम्मीदवारों से करीब एक लाख से अधिक वोटों से जीत हासिल की है. उनकी इस जीत से बीजेपी ने 30 साल बाद इस सीट पर फिर से कब्जा किया है.;

UP Bypoll Results 2024
Edited By :  सचिन सिंह
Updated On : 23 Nov 2024 7:22 PM IST

UP Bypoll Results 2024: उत्तर प्रदेश (UP) की कुंदरकी विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के उम्मीदवार रामवीर ठाकुर ने न सिर्फ खुद को जीत दिलाई है, बल्कि इस सीट पर बीजेपी की भी 30 साल बाद वापसी कराई है. उनकी इस ऐतिहासिक जीत की हर कोई चर्चा कर रहा है. उन्होंने इस जंग में 11 मुस्लिम समुदाय के उम्मीदवारों को चुनावी अखाड़े में पछाड़ दिया है.

उत्तर प्रदेश के मुस्लिम बहुल इस निर्वाचन क्षेत्र में बीजेपी के रामवीर ठाकुर ने 1 लाख से अधिक वोटों से जीत दर्ज की है. बीजेपी ने आखिरी बार कुंदरकी सीट 1993 के यूपी विधानसभा चुनाव में जीती थी, जब चंद्र विजय सिंह ने भगवा पार्टी के लिए जीत हासिल की थी.

आसान नहीं थी रामवीर ठाकुर की जीत

भाजपा के रामवीर ठाकुर सपा के मोहम्मद रिजवान को कड़ी टक्कर देते हुए जीत हासिल की है. इस अखाड़े में आजाद समाज पार्टी (Kanshi Ram) के चांद बाबू, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के मोहम्मद वारिश और बहुजन समाज पार्टी के रफतुल्ला भी चुनाव लड़ रहे थे, जो शुरुआती रुझान में ही मैदान से बाहर होते दिखे.

कुंदरकी में भाजपा को कैसे मिली जीत?

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के संभल लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा कुंदरकी में मुस्लिम आबादी का घनत्व अधिक है और यहां की कुल जनसंख्या में 60% आबादी मुस्लिम समुदाय की है. कुंदरकी मुरादाबाद जिले का हिस्सा है.

कुंदरकी में भाजपा की जीत पर स्वाभाविक रूप से सवाल उठने लगे हैं. भाजपा की जीत का मुख्य कारण मुस्लिम वोटों के बंटवारे के कारण हो सकती है, जिसका फायदा भगवा पार्टी के रामवीर ठाकुर को मिला. 60 % से अधिक मुस्लिम वाले इस क्षेत्र में रामवीर के लिए जीत आसान नहीं थी, इसलिए मुसलमानों के बीच पिछले दो दशकों से मेहनत कर रहे थे और इस बार उनकी मेहनत रंग लाई.

सपा के गढ़ में बीजेपी की जीत

सपा के उम्मीदवार मोहम्मद रिजवान 40 से अधिक सालों से राजनीति में हैं. रिजवान पहली बार 2002 में कुंदरकी से जीते थे, लेकिन 2007 में बीएसपी के अकबर हुसैन से हार गए थे. हालांकि, उन्होंने 2012 और 2017 में लगातार जीत हासिल करते हुए मजबूत वापसी की. कुंदरकी को सपा का गढ़ माना जाता है, लेकिन भाजपा के इस गढ़ में सेंध लगाने की संभावना सपा प्रमुख अखिलेश यादव के लिए बड़ा झटका है.

चुनाव में गड़बड़ी के लगे आरोप

चुनाव में गड़बड़ी की कई रिपोर्ट आने और कुंदरकी में कुछ मतदाताओं को मतदान करने से रोकने की पुलिस की कोशिश के बाद सपा चीफ अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर अवैध रूप से मतदाता कार्ड और आधार आईडी की जांच करने का आरोप लगाया था. उन्होंने चुनाव आयोग से अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर कुछ समुदायों को मतदान करने से रोकने की शिकायतों के आधार पर कार्रवाई करने की अपील की थी. 

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