यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन ने कुंभकरण को बताया टेक्नोक्रेट, कहा- 6 महीने सोने की बात झूठी

राज्यपाल ने कहा कि रावण ने इस सच्चाई को छिपाने के लिए यह झूठ फैलाया था कि कुंभकरण 6 महीने सोता है. आनंदीबेन ने कहा कि यह जानकारी हमारे पास नहीं है, लेकिन प्राचीन ग्रंथों में यह सब लिखा है. यह बयान उन्होंने लखनऊ के ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय के 9वें दीक्षांत समारोह में दिया.;

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Edited By :  नवनीत कुमार
Updated On : 18 Nov 2024 9:05 PM IST

उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने रामायण के पात्र कुंभकरण को लेकर एक दिलचस्प दावा किया. उन्होंने कुंभकरण को एक टेक्नोक्रेट (तकनीकी विशेषज्ञ) बताते हुए कहा कि वह छह महीने सोता नहीं था, बल्कि गुप्त रूप से रिसर्च कर यंत्र बनाता था.

राज्यपाल ने कहा कि रावण ने इस सच्चाई को छिपाने के लिए यह झूठ फैलाया था कि कुंभकरण 6 महीने सोता है. आनंदीबेन ने कहा कि यह जानकारी हमारे पास नहीं है, लेकिन प्राचीन ग्रंथों में यह सब लिखा है.

कुंभकरण को बताया तकनीकी विशेषज्ञ

यह बयान उन्होंने लखनऊ के ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय के 9वें दीक्षांत समारोह में दिया. समारोह में उन्होंने कहा कि रामायण के कुंभकरण को तकनीकी का विशेषज्ञ समझा जाना चाहिए. उन्होंने रावण के विमान और उसके उपयोग को लेकर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि क्या आपने कभी सोचा है कि रावण ने किस विमान से सीता का अपहरण किया था?

राज्यपाल का यह नया बयान एक बार फिर चर्चा का विषय बन गया है, जिसमें उन्होंने प्राचीन भारतीय ग्रंथों की कहानियों को आधुनिक दृष्टिकोण से जोड़ने की कोशिश की गई है.

हाथरस हादसे पर दिया था बयान

19 जुलाई 2024 को हाथरस हादसे के बाद पहली बार उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल हाथरस पहुंची थी. वहां उन्होंने हाथरस में हुई घटना को लेकर शोक भी जताया था. राज्यपाल ने कहा कि अगर कोई कहता है कि मेरी चरणरज ले लो और इसे अपने माथे से लगाओ, तो तुम्हारे सारे दुख और दर्द दूर हो जाएंगे. क्या वास्तव में ऐसा होता है? अंधश्रद्धा बढ़ाना और लोगों के सामने ऐसी बातें कहना यह भी एक गुनाह है और मेरा मानना है कि ऐसा करने वालों के खिलाफ कड़ी सजा होना चाहिए.

अधिकारियों को लगाई थी फटकार

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल पहले भी अपने बयानों और कड़े रुख के लिए चर्चा में रही हैं. एक घटना जुलाई 2023 की है, जब वे उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आयोजित वृक्षारोपण अभियान में सीतापुर पहुंची थीं. कार्यक्रम के तहत 36.51 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य था. हालांकि, वहां की तैयारियों में खामियां देखकर उन्होंने अधिकारियों को फटकार लगाई थी.

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