राम मंदिर के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास का निधन, ब्रेन स्ट्रोक के बाद 85 साल की उम्र में ली अंतिम सांस
Ram Mandir chief priest Satyendra Das Passes Away: अयोध्या में राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य महंत सतेंद्र दास का निधन हो गया. उन्हें ब्रेन स्ट्रोक के बाद SGPGI के न्यूरोलॉजी वार्ड की हाई डिपेंडेंसी यूनिट में भर्ती कराया गया था. वह एक सीनियर न्यूरोलॉजी कंसल्टेंट की निगरानी में थे. वह शुगर और उच्च रक्तचाप से जूझ रहे थे.;
Ram Mandir chief priest Satyendra Das Passes Away: उत्तर प्रदेश से एक बड़ी खबर सामने आ रही है. जहां अयोध्या के राम मंदिर के राम मंदिर के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास का निधन हो गया. उन्होंने चिर काल के लिए समाधि ले ली.
85 वर्षीय महंत सत्येंद्र दास को ब्रेन स्ट्रोक के बाद रविवार को संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (SGPGI) के न्यूरोलॉजी आईसीयू में भर्ती कराया गया था. सत्येंद्र दास मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसी गंभीर बीमारियों से भी जूझ रहे थे.
सीएम योगी ने हाल में की थी मुलाकात
शुरुआत में उनका इलाज अयोध्या के एक निजी अस्पताल में हुआ, लेकिन बाद में उन्हें उचित इलाज और देखभाल के लिए SGPGI रेफर कर दिया गया. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार शाम को महंत सत्येंद्र दास के स्वास्थ्य की जानकारी लेने के लिए लखनऊ के SGPGI का दौरा किया.
सीएम योगी ने जताया दुख
सीएम योगी ने लिखा, 'परम रामभक्त, श्री राम जन्मभूमि मंदिर, श्री अयोध्या धाम के मुख्य पुजारी श्री सत्येन्द्र कुमार दास जी महाराज का निधन अत्यंत दुःखद एवं आध्यात्मिक जगत की अपूरणीय क्षति है. अंतःविषय! प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि पवित्र पुण्यात्मा को अपने श्री चरण में स्थान दे तथा शोक संत शिष्यों एवं आदर्शों को यह अथा दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें. ॐ शांति!'
20 की उम्र से ही अध्यात्मिक राह पर थे सत्येंद्र दास
सत्येंद्र दास 5 मार्च, 1992 से तब से राम मंदिर के पुजारी हैं, जब राम लाल टेंट में रहा करते थे. उनके सामने ही 6 दिसंबर, 1992 बाबरी मस्जिद को ध्वस्त गया. वह बाबरी मस्जिद के ध्वस्तीकरण और राम मंदिर के बनने के साक्षी बने. उन्होंने 1975 में संस्कृत विद्यालय से आचार्य की डिग्री ली थी. इसके बाद 1976 में अयोध्या के संस्कृत महाविद्यालय में व्याकरण विभाग में सहायक अध्यापक के तौर पर काम किया. तब उन्हें 100 रुपये हर महीने मिलते थे.