अगर रिलेशनशिप और सेल्फ रिस्पेक्ट में किसी एक को चुनना है तो क्या करें? जानिए प्रेमानंद महाराज ने क्या जवाब दिया

वृंदावन के संत प्रेमानंद महाराज ने बताया कि रिलेशनशिप और सेल्फ रिस्पेक्ट के बीच चुनाव का सवाल गलत है, क्योंकि अधिकांश लोग आत्म-सम्मान को ‘देहाभिमान’ समझ लेते हैं. उन्होंने कहा कि सच्चा आत्म-सम्मान ईश्वरीय गुण है, जबकि रिश्‍तों में अहंकार या देहाभिमान बाधा बनता है. महाराज के अनुसार, अपना मान छोड़कर दूसरों को मान देने से ही रिश्ते फलते-फूलते हैं और कटु व्यवहार का प्रेम से जवाब देना ही वास्तविक आत्म-सम्मान है. जिसे भगवान प्रेम करते हैं, उसे पूरी दुनिया सम्मान देती है.;

( Image Source:  x.com/RadhaKeliKunj )
By :  अच्‍युत कुमार द्विवेदी
Updated On : 20 Nov 2025 5:00 PM IST

Teachings of Premanand Maharaj: अगर रिलेशनशिप यानी रिश्तों और सेल्फ रिस्पेक्ट यानी आत्म-सम्मान में से किसी एक का चुनाव करना हो तो क्या करें? यह सवाल जब वृंदावन के लोकप्रिय संत प्रेमानंद महाराज जी से एक महिला ने पूछा तो उन्होंने महिला से कहा- आत्म-सम्मान का अर्थ आप क्या लेती हैं.... इस पर महिला ने कहा- अपना सम्मान भी बना रहे और रिश्ते भी खराब न हों.

प्रेमानंद महाराज जी ने महिला की बात सुनकर कहा - नहीं, आत्म-सम्मान का यह मतलब नहीं है. अपने सम्मान को मिटाकर रिश्तों का पोषण किया जाता है. अगर हम अपने सम्मान की बात रखेंगे... तो रिश्तों में खटास आ ही जाएगी.

'आत्म-सम्मान भगवत स्वरूप होता है'

प्रेमानंद जी ने कहा कि आत्म-सम्मान भगवत स्वरूप होता है... लेकिन आप देहाभिमान की बात कर रही हैं... जिसे आप आत्म-सम्मान कह रही हैं उसे देहाभिमान कहा जाता है. देहाभिमान को ठीक नहीं कहा गया है... देहाभिमान को मिटाकर हमें अपने रिश्तों का पोषण करना चाहिए.

'अपने सम्मान की बात अगर ध्यान में रखेंगे तो खटास तो रिश्तों में आ ही जाएगी'

संत प्रेमानंद महाराज कहते हैं- जब आप मान रहित होकर सबका मान करेंगे तो रिश्ते अपने आप उज्ज्वल हो जाएंगे... और सब रिश्तों में भगवान विराजमान रहते हैं. हम अपने सम्मान की बात अगर ध्यान में रखेंगे तो खटास तो रिश्तों में आ ही जाएगी... आप जलेंगी... आपका हृदय जलेगा... आपका हृदय असंतुष्ट होगा... वो ठीक नहीं है... सिद्धांत से ठीक नहीं है.

'जिसे भगवान प्यार करते हैं, उसे सारा संसार प्यार करता है'

प्रेमानंद महाराज ने कहा कि सिद्धांत से आप अमानी बनिए. वास्तविक आत्म-सम्मान आपका होगा, जब आपसे कोई कटु व्यवहार करे तो आप उससे प्रेम का व्यवहार करें. .. तो भगवान देख रहे हैं... वो आपको प्यार करेंगे... और जिसे भगवान प्यार करते हैं, उसे सारा संसार प्यार करता है. 

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