VIDEO: 'मायावती का गला घोंटने का समय...', कांग्रेस नेता के बयान से भड़के आकाश आनंद, कहा- Arrest करो
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और BSP प्रमुख मायावती को लेकर कांग्रेस नेता उदित राज का एक बयान काफी चर्चा में है. उदित राज ने गीता में भगवान श्रीकृष्ण के उपदेश का जिक्र करते हुए कहा कि मायावती का गला घोंटने का समय आ गया है. उनके इस बयान के बाद मायावती का भी रिएक्शन सामने आ गया है.;
कांग्रेस नेता उदित राज ने उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती को लेकर विवादित बयान दिया है. उन्होंने गीता में भगवान श्रीकृष्ण के उपदेश का जिक्र करते हुए कहा कि मायावती का गला घोंटने का समय आ गया है. उनके इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है.
उदित राज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान महाभारत के एक प्रसंग का जिक्र करते हुए कहा, 'अर्जुन ने पूछा कि अपने सगे-संबंधियों को कैसे मारेंगे? तो कृष्ण ने कहा की कोई सगा-संबंधी नहीं है, न्याय के लिए लड़ो और मार दो, अपने लोगों को ही मार दो. तो आज फिर हमारे कृष्ण ने मुझे कह दिया है कि जो अपना दुश्मन है, जो सामाजिक न्याय का दुश्मन है उसे सबसे पहले मार दो. मैने प्रेस रिलीज में लिख दिया है वह सिर्फ मायावती हैं जिन्होंने सामाजिक आंदोलन का गला घोंटा, अब उनका गला घोंटने का समय आ गया है.'
उदित राज के बयान पर भाजपा ने क्या कहा?
उदित राज के बयान पर भाजपा नेता अमित मालवीय ने कहा कि, 'कांग्रेस नेता उदित राज कह रहे हैं कि उनके ‘कृष्ण’ ने उन्हें आदेश दिया है कि बीएसपी सुप्रीमो मायावती जी को मार दिया जाए. क्या राहुल गांधी ही वह व्यक्ति हैं, जिन्हें कृष्ण की उपाधि दी गई है? क्या कांग्रेस के भीतर इतनी झुंझलाहट बढ़ गई है कि अब भाषा और राजनीति, दोनों में हिंसा का भाव हावी हो चुका है? राजनीतिक विरोध अपनी जगह है,
आगे लिखा कि, लेकिन सार्वजनिक जीवन में इस तरह किसी की हत्या की बात करना कितना जायज़ है? कांग्रेस हमेशा से दलित-विरोधी रही है, और यह षड्यंत्र उसी मानसिकता को दर्शाता है. पहले सपा ने भी इसी तरह मायावती जी पर जानलेवा हमला करवाया था। सपा और कांग्रेस ने हमेशा सामाजिक न्याय के नाम पर दलितों और पिछड़ों को ठगने का काम किया है.
क्या बोली मायावती?
मायावती ने उदित राज के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर के जीवनकाल में और उनके देहांत के बाद भी, करोड़ों शोषित-पीड़ित दलितों और बहुजनों के आत्म-सम्मान और स्वाभिमान के लिए किए गए उनके मानवतावादी संघर्ष का कांग्रेस पार्टी ने हमेशा तिरस्कार किया है. कांग्रेस कभी भी बाबा साहेब की सोच और नीतियों पर खरी और विश्वसनीय नहीं हो सकती.'