निक्की हत्याकांड: वीडियो बनाने से थी ससुराल वालों को परेशानी, थिनर से लगाई थी आग, 500 पन्नों की चार्जशीट में क्या-क्या?

ग्रेटर नोएडा के निक्की भाटी हत्याकांड में पुलिस की 500 पन्नों की चार्जशीट में बड़ा खुलासा हुआ है. जांच में पता चला कि निक्की की मौत सिलेंडर ब्लास्ट से नहीं, बल्कि थिनर डालकर जलाने से हुई. पति, सास, देवर और ससुर पर हत्या की साजिश रचने का आरोप है. सोशल मीडिया पर वीडियो बनाने को लेकर विवाद बढ़ा था. बहन द्वारा वायरल किए गए वीडियो केस का सबसे बड़ा सबूत बनाए गए हैं. सभी आरोपी जेल में बंद हैं और अदालत में सुनवाई जारी है.;

Edited By :  नवनीत कुमार
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ग्रेटर नोएडा के सिरसा गांव में निक्की भाटी की जलकर हुई मौत ने शुरू से ही कई सवाल खड़े किए थे. पहले दिन से यह दावा किया गया कि रसोई में खाना बनाते समय सिलेंडर ब्लास्ट होने से निक्की आग की चपेट में आ गई. मगर जब सोशल मीडिया पर घटना के वीडियो और तस्वीरें वायरल होने लगीं, तब इस हादसे की सच्चाई पर शक गहराता चला गया. अब पुलिस ने अदालत में 500 पन्नों की विस्तृत चार्जशीट दाखिल कर दी है, जो इस केस की तस्वीर पूरी तरह बदल देती है.

चार्जशीट साफ इशारा करती है कि यह महज एक हादसा नहीं था, बल्कि निक्की को जिंदा जलाने की शातिर साजिश थी. इस योजना को अंजाम देने में उसके पति विपिन, देवर रोहित, ससुर सत्यवीर और सास दया की भूमिका सामने आई है. चारों आरोपी इस वक्त लुक्सर जेल में बंद हैं और अदालत में अब असली लड़ाई शुरू होने वाली है. सवाल सिर्फ इतना है कि निक्की को आखिर क्यों जलाया गया?

थिनर से रची गई मौत की पटकथा

पुलिस की जांच रिपोर्ट बताती है कि घर में सिलेंडर blast होने के कोई चिह्न नहीं मिले. उल्टा थिनर की खाली बोतल, लाइटर और आग में जलाए गए कपड़े बरामद हुए, जो यही साबित करते हैं कि आग किसी अत्यधिक ज्वलनशील पदार्थ से लगाई गई थी. इन सबूतों ने सिलेंडर ब्लास्ट की कहानी को पूरी तरह ख़ारिज कर दिया. वैज्ञानिक साक्ष्यों के अनुसार निक्की के शरीर पर जो जलने के निशान मिले, वे असामान्य रूप से तीव्र और पूरे बदन में फैले हुए थे, जो थिनर का स्पष्ट प्रभाव बताते हैं.

वायरल वीडियो बना केस का टर्निंग पॉइंट

घटना के कुछ समय बाद निक्की की बहन ने जो वीडियो रिकॉर्ड किए, उन्होंने पूरे मामले को उलटकर रख दिया. वीडियो में निक्की गंभीर रूप से जली हुई हालत में दिखाई देती है और मौके पर परिवार के सदस्यों का व्यवहार भी संदेह पैदा करता है. उसी समय लोग वीडियो बनाते भी दिखे, पर किसी ने आग बुझाने की पूरी कोशिश नहीं की. पुलिस ने इन्हीं वीडियो को केस का सबसे मजबूत डिजिटल सबूत माना है, जिसने सच को छुपने नहीं दिया.

वीडियो बनाने से ससुरालियों को थी परेशानी

चार्जशीट का सबसे बड़ा खुलासा यह है कि निक्की और उसकी बहन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कंटेंट बनाती थीं. सास और पति को यह बिल्कुल पसंद नहीं था. उन्हें डर था कि वीडियो के जरिए घर-परिवार की बातें बाहर जाएंगी और समाज में उनकी “इज़्ज़त” खराब होगी. इसी बात पर आए दिन विवाद और मारपीट होती थी. पुलिस के अनुसार, आज़ाद पहचान और अभिव्यक्ति की चाह ही निक्की की जान की दुश्मन बन गई.

दहेज की मांग पर भी परिवार का दबाव था

निक्की के पिता ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि शादी के बाद से ही ससुराल वाले लगातार दहेज की मांग कर रहे थे. मांग पूरी न होने पर निक्की को मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जाता था. शादी में दिए सामान को कम आंका जाता था. बार-बार शिकायतों के बाद भी हालात सुधारने की बजाय और बिगड़ते गए—जब तक कि यह उत्पीड़न एक भयावह अपराध में नहीं बदल गया.

खुदकुशी साबित करने की विफल कोशिश

आरोपियों ने घटना के बाद तुरंत कहानी बनाई कि निक्की ने खुद आग लगा ली या खाना बनाते समय हादसा हुआ. लेकिन कई सबूत इस कहानी पर सवाल उठाते हैं—

  • गैस चूल्हा जलने की स्थिति में नहीं था
  • आग लगने के बाद घरवालों की प्रतिक्रिया असामान्य थी
  • बिस्तर पर आग के निशान थे, रसोई में नहीं

इन सभी बिंदुओं ने आत्महत्या की थ्योरी को पूरी तरह झूठा साबित कर दिया.

अस्पताल की प्रारंभिक रिपोर्ट और ग्राउंड साक्ष्य में बड़ा विरोधाभास

अस्पताल से मिली रिपोर्ट में शुरुआत में लिखा गया कि सिलेंडर फटने के कारण निक्की झुलसी. लेकिन पुलिस ने इसे गलत सूचना या भ्रम बताया है. घटनास्थल निरीक्षण, फॉरेंसिक रिपोर्ट और गवाहों के बयान ने इसे गलत सिद्ध कर दिया. पुलिस ने सबूत जुटाने में कोई कमी नहीं छोड़ी जले हुए बिस्तर, आंगन की मिट्टी, थिनर की बोतल और कपड़ों के नमूने तक जब्त किए गए.

बहन ने दिखाई हिम्मत

निक्की की बहन कंचन ने न केवल वीडियो वायरल किए, बल्कि पूरी हिम्मत के साथ पुलिस तक केस पहुंचाया. वरना यह मामला भी कई अन्य मामलों की तरह "घरेलू हादसे" का टैग झेलता रहा होता. कंचन ने बताया कि उसकी बहन बार-बार घर में हो रही यातना से उसे अवगत कराती थी. कंचन के इस साहस ने पूरे प्रदेश में यह मामला सुर्खियों में ला दिया.

अब अदालत में तैयार होगी न्याय की अंतिम पटकथा

पुलिस का दावा है कि उनके पास अपराध साबित करने के लिए सबूतों की लंबी फेहरिश्त है. फॉरेंसिक रिपोर्ट, गवाह, डिजिटल प्रूफ और मेडिकल दस्तावेज तक. वहीं, बचाव पक्ष भी अड़ चुका है कि वे आरोप सिद्ध नहीं होने देंगे. आने वाले दिनों में अदालत में घमासान होगा और हर पेशी न्याय की ओर एक कदम बढ़ाएगी. परिवार और समाज दोनों की निगाहें अब न्यायालय के फैसले पर टिकी हैं.

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