मिलिए यूपी 10वीं और 12वीं बोर्ड के टॉपर यश प्रताप और महक जायसवाल से, आईएएस अफसर और डॉक्टर बनना है सपना
यूपी बोर्ड कक्षा 10वीं और 12वीं का परिणाम 25 अप्रैल 2025 को घोषित हुआ. 10वीं में जालौन के यश प्रताप सिंह और 12वीं में महक जायसवाल ने प्रदेश में टॉप किया. बचपन से आईएएस बनने का सपना देखने वाले यश ने मेहनत, लगन और अनुशासन से यह मुकाम हासिल किया. वहीं महक का सपना है कि वह डॉक्टर बनकर देश की सेवा करे.;
यूपी बोर्ड की 10वीं और 12वीं कक्षा का परिणाम 25 अप्रैल 2025 को घोषित हो गया है. इस बार पूरे प्रदेश में 'यश प्रताप सिंह' और महक जायसवाल का नाम चर्चा में रहा. 10वीं में 97.83% अंकों के साथ यश ने और 97.20% अंक के महक ने टॉप किया. दोनों ने अपने जिले जालौन और प्रयागराज ही नहीं, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश को गर्व महसूस कराया है. साथ ही इस साल हाईस्कूल का कुल पास प्रतिशत 90.11% रहा, लेकिन यश की मेहनत और लगन ने उन्हें बाकियों से अलग खड़ा किया.
यश प्रताप सिंह सिर्फ एक टॉपर नहीं हैं, वो एक विज़नरी हैं. उनका सपना एक आईएएस अफसर बनकर देश की सेवा करना है. परीक्षा में टॉप करने के बाद उन्होंने कहा, 'ये तो पहला पड़ाव है, असली फोकस अब 12वीं पर है.' अर्जुन की तरह लक्ष्य साधे हुए यश अब अगले दो साल की तैयारी में जुट गए हैं और उनकी नज़र सिर्फ बोर्ड के नंबरों पर नहीं, बल्कि एक ज़िम्मेदार अफसर बनने की तैयारी पर है.
कौन है यश प्रताप सिंह?
जालौन के उमरी गांव के रहने वाले यश ने बिना कोचिंग के ये मुकाम हासिल किया है. वह श्रीमती रसकेंद्रीय इंटर कॉलेज उमरी में पढ़ाई कर रहा है. उसके पिता भी इस स्कूल के प्रिंसिपल हैं. उनके बड़े भाई अनुज प्रताप बीएलएड की पढ़ाई कर रहे हैं. उनकी पढ़ाई में पिता और भाई का पूरा सहयोग मिलता है. अपनी पढ़ाई के बारे में यश ने बताया कि रोजाना 6-7 घंटे की पढ़ाई की. साथ ही उसे टीवी में कार्टून देखना और खाली समय में क्रिकेट खेलना पसंद है.
पिता और बड़े भाई ने किया कहा?
स्कूल में जब यश के रिजल्ट की घोषणा हुई तो पूरा माहौल जश्न में बदल गया. शिक्षकों ने न सिर्फ मिठाई बांटी बल्कि उसे गले लगाकर आशीर्वाद भी दिया. प्रिंसिपल यानी उनके पिता का कहना है कि यश शुरू से ही एक समर्पित छात्र था और स्कूल के सभी शिक्षक उसके साथ खड़े रहे. उन्होंने कहा कि यह रिजल्ट मेहनत, अनुशासन और सही मार्गदर्शन का नतीजा है. इस रिजल्ट से परिवार की खुशी का भी ठिकाना नहीं है. यश के बड़े भाई ने बताया कि बचपन से ही यश पढ़ाई में गहरी रुचि रखते थे. वो घंटों बैठकर किताबें पढ़ते और नए सवाल खुद बनाते. हमें यकीन था कि एक दिन कुछ बड़ा करेगा.
किराना दुकान चलाते हैं महक के पिता
प्रयागराज की महक जायसवाल ने यूपी बोर्ड की इंटरमीडिएट परीक्षा में 97.20% अंक हासिल कर प्रदेश टॉप किया है. महक का सपना डॉक्टर बनकर समाज की सेवा करना है. उनके पिता शिव प्रसाद जायसवाल कोखराज, कौशांबी में किराना की दुकान चलाते हैं, जबकि मां कुसुम गृहिणी हैं. महक बताती हैं कि उन्होंने कभी टॉपर बनने की नहीं सोची थी, लेकिन अच्छे अंकों को लेकर आत्मविश्वास जरूर था.
बड़ी बहन ने किया मोटिवेट
महक की सफलता के पीछे उनकी बड़ी बहन आयुषी की अहम भूमिका रही, जो एक निजी स्कूल में शिक्षिका हैं. बहन ने न सिर्फ पढ़ाई में मार्गदर्शन दिया बल्कि आठ से नौ घंटे की दिनचर्या और अनुशासन में रहकर महक को प्रेरित भी किया. महक का मानना है कि कड़ी मेहनत, परिवार का समर्थन और बहन की प्रेरणा ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया. अब उनका अगला लक्ष्य है डॉक्टर बनकर जरूरतमंदों की सेवा करना.