महाकुंभ भगदड़ में हुई थी 'मौत', अपनी ही 13वीं के दिन घर पहुंचा शख्‍स; कहा - ज्‍यादा गांजा पीकर...

28 जनवरी यानी मौनी अमावस्या के दिन महाकुंभ में भगदड़ मच गई थी. इसके कारण करीब 30 लोगों की जान गई. साथ ही, कई अन्य लोग घायल भी हुए. योगी आदित्यनाथ की सरकार ने मरे हुए परिजनों को 25 लाख रुपये देने का एलान भी किया.;

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Edited By :  हेमा पंत
Updated On : 14 Feb 2025 11:50 AM IST

उत्तर प्रदेश में महाकुंभ का भव्य उत्सव मनाया जा रहा है. जहां रोजाना करोड़ों की तादात में श्रद्धालु गंगा स्नान कर वापस लौट रहे हैं. हालांकि, कुंभ के दौरान 28 जनवरी की रात कुछ ऐसा हुआ, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था. दरअसल मौनी अमावस्या के दिन कुंभ में भगदड़ मच गई थी.

इसके कारण 30 लोगों ने अपनी जान गंवाई और कई लोग घायल भी हो गए. अब इस भगदड़ से जुड़ी एक ऐसी खबर सामने आई है, जिसे जान आप हैरान हो जाएंगे. सोचिए क्या हो अगर मरा हुआ व्यक्ति अपनी तेरहवी पर वापस आ जाए? ऐसी बातें शायद आपने सिर्फ फिल्मों में सुनी होगी? लेकिन यह एकदम सच है.

अपनी ही तेरहवी पर पहुंचा शख्स

एक संयोग हुआ है, जहां कथित तौर पर महाकुंभ भगदड़ का शिकार हुआ व्यक्ति जिंदा मिला. दरअसल मंगलवार को यह शख्स जब अपने घर वापस लौटा, तो तो उसने देखा कि पड़ोस में उसकी 'तेहरवी' मनाई जा रही है. बता दें कि मरने के 13 दिन बाद तेरहवी मनाने का रिवाज है.

क्या है मामला?

60 साल के खूंटी गुरु 29 जनवरी की भगदड़ में अपनी कथित मौत पर मचे बवाल से हैरान थे. बता दें कि उन्होंने कुछ साधुओं के साथ एक चिलम गांजा ज्यादा पी लिया था, जिसके कारण उन्हें समय का पता ही नहीं चला.

पहले भी मच चुकी है भगदड़

योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ में मची भगदड़ में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को 25-25 लाख रुपये मुआवजा देने की भी घोषणा की थी. यह पहली बार नहीं हुआ था जब महाकुंभ में भदगड़ से लोगों की जान गई. 1954 में हुए महाकुंभ में मची भगदड़ में 800 से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी. यह कुंभ मेले के दर्ज इतिहास में सबसे भयानक त्रासदी है. इसका आरोप तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर लगाया गया, क्योंकि वह इस जगह के पास ही मौजूद थे.

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