UP: कैंडी खाने से बच्चे की हुई मौत; जानिए कैसे बच्चों को दम घुटने की समस्या से रखें सुरक्षित
कानपुर से एक खबर आई है जहां पर एक बच्चे को कैंडी खाना बहुत भारी पड़ा है. वह कैंडी बच्चे के गले में अटक जाती है. विशेषज्ञ बताते हैं कि चोकिंग के दौरान घबराने के बजाय सबसे पहले आपातकालीन सहायता बुलानी चाहिए. शिशुओं के वायुमार्ग से अटकी हुई वस्तु हटाने के लिए उनके मुंह में हाथ डालने की बजाय, पीठ थपथपाना बेहतर होता है. आइए जानते हैं क्या है मामला.;
उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक बेहद दुखद घटना घटी, जब 4 साल के एक बच्चे की कैंडी खाने से जान चली गई. बच्चा फ्रूटोला नाम की एक चिपचिपी टॉफ़ी खा रहा था, जो उसकी आंख के आकार की थी. खेल-खेल में उसने इसे निगल लिया, और वह उसके गले में अटक गई. उसने अपनी माँ को तकलीफ बताई, तो माँ ने उसे पानी पिलाया, जिससे कैंडी गले में और गहरी चली गई, जिससे उसका दम घुटने लगा. उसे तत्काल अस्पताल ले जाया गया, पर डॉक्टर उसके गले से टॉफ़ी नहीं निकाल पाए, और आखिरकार उस मासूम ने वहीं पर दम तोड़ दिया. परिवार ने अब इस टॉफ़ी निर्माता को जवाबदेह ठहराने की मांग की है.
विशेषज्ञ बताते हैं कि चोकिंग का खतरा तब बढ़ जाता है जब किसी वस्तु से गला या श्वास नली अवरुद्ध हो जाती है, जिससे व्यक्ति सांस नहीं ले पाता. विशेष रूप से छोटे बच्चों में, भोजन के दौरान चोकिंग का खतरा ज्यादा होता है. माता-पिता के लिए यह जानना बेहद जरूरी है कि कौन से खाद्य पदार्थ बच्चों के लिए खतरनाक हो सकते हैं, ताकि वे सावधानी बरत सकें.
बच्चों के लिए खतरनाक खाद्य पदार्थ
डॉक्टरों के अनुसार, हार्ड कैंडीज़, चिपचिपी टॉफ़ी, बड़े मांस के टुकड़े, अंगूर, पॉपकॉर्न, कच्ची सब्जियों के टुकड़े और पीनट बटर जैसे खाद्य पदार्थ बच्चों में चोकिंग के खतरे को बढ़ा सकते हैं. इन खाद्य पदार्थों को छोटे बच्चों से दूर रखने की सलाह दी जाती है।
चोकिंग के संकेत और पहचान कैसे करें?
तेज़ी से हांफना या साँस लेने में दिक्कत होना.
ज़ोर से खांसने की कोशिश करना.
बोलने, रोने या किसी भी प्रकार की आवाज़ निकालने में असमर्थ होना.
चेहरे का रंग बदलकर नीला पड़ जाना.
गला पकड़ना या हवा में हाथ हिलाना.
घबराहट महसूस करना.
चोकिंग के दौरान बच्चों की मदद कैसे करें?
विशेषज्ञ बताते हैं कि चोकिंग के दौरान घबराने के बजाय सबसे पहले आपातकालीन सहायता बुलानी चाहिए.शिशुओं के वायुमार्ग से अटकी हुई वस्तु हटाने के लिए उनके मुंह में हाथ डालने की बजाय, पीठ थपथपाना बेहतर होता है. अपने हाथ की एड़ी से बच्चे के कंधों के बीच 5-6 बार थपथपाएँ और फिर मुंह की जाँच करें.
बच्चों में चोकिंग से बचाव के उपाय
हर उम्र के बच्चों की खाने की ज़रूरतें अलग होती हैं. छोटे बच्चों के पास दाढ़ नहीं होती, जिससे वे भोजन को अच्छी तरह से चबा नहीं पाते. इसलिए उन्हें फल, सब्जियाँ और कैंडी देते समय सावधान रहें.
बच्चों को हमेशा छोटे टुकड़ों में कटा हुआ खाना दें ताकि वह आसानी से खा सकें और कोई चीज़ उनके गले में अटके नहीं.
बच्चों को सिखाएँ कि वे खाते समय सीधे बैठें, और खाने के दौरान बात करने, हँसने से बचें. इसके साथ ही, हमेशा उनकी निगरानी करें, चाहे वे कैंडी ही क्यों न खा रहे हों.
इस तरह की सतर्कता और समझदारी से बच्चों को चोकिंग के खतरे से बचाया जा सकता है और उनकी सुरक्षा की जा सकती है.
कैंडी से बना डर
मृतक बच्चे के पिता ने कहा कि वह टॉफी बनाने वाली कंपनी के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करने जा रहा है. इस दुखद मौत के बाद से परिवार वाले सदमे में हैं. वहीं पूरे इलाके में कैंडी खाने को लेकर डर बना हुआ है.