नोएडा में परिवार को अगवा कर जेवर एयरपोर्ट के प्रोजेक्ट को रोकने की साजिश नाकाम, पायलट समेत 5 गिरफ्तार
जेवर एयरपोर्ट परियोजना से जुड़ी एक सनसनीखेज साजिश का खुलासा हुआ है, जहां पायलट पुट्टन सिंह समेत पांच लोगों ने एक परिवार का अपहरण कर लिया था. यह साजिश कथित रूप से जमीन अधिग्रहण से जुड़ी नाराजगी के चलते रची गई थी. पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर अपहृत परिवार को सुरक्षित बचा लिया. मामले ने यूपी में भूमि अधिग्रहण से जुड़े अपराधों और सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है.;
Jewar Airport conspiracy, Noida kidnapping case: गौतम बुद्ध नगर पुलिस ने जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट की भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया को रोकने की एक संगठित और खतरनाक साजिश का भंडाफोड़ किया है. इस साजिश का मास्टरमाइंड कोई और नहीं, बल्कि एक प्राइवेट एयरलाइन में कार्यरत पायलट कैप्टन पुट्टन सिंह निकले. उन्होंने एक सुनियोजित षड्यंत्र के तहत हंसराज नामक व्यक्ति और उसके परिवार को उनके पुनर्वास प्लॉट (RR चींट) से 29 मई को जबरन उठवा लिया.
इस पूरे घटनाक्रम की शुरुआत उस समय हुई, जब हंसराज और उनके परिवार को एक फर्जी मेडिकल जांच के बहाने अस्पताल भेजा गया, ताकि उन्हें उनके घर से अलग किया जा सके. इसके बाद उनका कोई अता-पता नहीं चला. बेटे सोनू ने 2 जून को इलाहाबाद हाईकोर्ट में हैबियस कॉर्पस याचिका दाखिल की, जिसमें आरोप लगाया गया कि परिवार को अवैध रूप से बंधक बनाकर रखा गया है.
पुलिस ने 26 जून को शुरू की जांच
पुलिस ने इस मामले में सतर्कता बरतते हुए एक तीसरे पक्ष से मिली सूचना के आधार पर 26 जून को जांच शुरू की. 27 जून को देयनातपुर गांव के एक फार्महाउस पर छापा मारा गया, जहां से हंसराज, उनकी पत्नी कमलेश देवी और बेटे सौरभ को रेस्क्यू किया गया. इस दौरान यह भी सामने आया कि उन्हें BMW कार के ट्रंक में, यमुना एक्सप्रेसवे के अंडरपास में और अन्य निजी स्थानों पर बार-बार स्थानांतरित किया गया था, ताकि उनका पता न चल सके. अपहर्ताओं ने उनके मोबाइल फोन भी जब्त कर लिए थे.
जेवर एयरपोर्ट परियोजना को बाधित करना था साजिश का मकसद
पुलिस के अनुसार, इस साजिश का मकसद केवल एक परिवार को परेशान करना नहीं था, बल्कि जेवर एयरपोर्ट परियोजना को बाधित करना, अधिकारियों की साख को गिराना और स्थानीय स्तर पर दबाव बनाकर JDA पर राजनीतिक व कानूनी दबाव डालना था. अब तक पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें पायलट कैप्टन पुट्टन सिंह, उनकी पत्नी सरोजबाला, प्रमोद सिंह, पवन चौधरी और रमा देवी शामिल हैं. इनकी उम्र 30 से 60 वर्ष के बीच है. घटनास्थल से BMW कार (UP16CN3205), मोबाइल फोन और अन्य तकनीकी उपकरण जब्त किए गए हैं.
आरोपियों ने अपराध करने के लिए कई तरीके अपनाए
पुलिस ने बताया कि इस अपराध में अत्यधिक योजना, छल और आधुनिक तकनीक का प्रयोग हुआ, जिसमें सीसीटीवी से बचने और लोकेशन बदलते रहने जैसे कई तरीके अपनाए गए. ग्रेटर नोएडा के DCP साद मियां खान के मुताबिक, अब तक की जांच में चार और लोगों की संलिप्तता सामने आई है, जिनकी जल्द ही गिरफ्तारी हो सकती है. आरोपियों से पूछताछ जारी है.
पुलिस की सात टीमों ने की मामले की जांच
डीसीपी साद मियां खान ने बताया कि जेवर एयरपोर्ट के स्टेज-1 के अंतर्गत छह गांवों के लोगों को आरआर कॉलोनी में स्थानांतरित कर पुनर्वासित किया गया. हालांकि, हंसराज नाम का एक व्यक्ति अब भी एयरपोर्ट क्षेत्र में रह रहा था, लेकिन नोटिस के बाद उसे हटा दिया गया. हालांकि, वह 29 मई से 4 जून तक अस्पताल में भर्ती रहा. 2 जून को उसके बेटे ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में हैबियस कॉर्पस याचिका दाखिल की, जिसमें स्थानीय पुलिस और प्रशासन पर अवैध हिरासत का आरोप लगाया गया. कोर्ट ने हंसराज और उसके परिवार को 7 जुलाई को पेश होने का निर्देश दिया. इसके बाद पुलिस की सात टीमें लगातार दो सप्ताह तक जांच में जुट गईं और अंततः हंसराज व उसके परिवार को यहवर निवासी पवन के घर से रेस्क्यू किया गया.
पूरे षड्यंत्र के पीछे था कैप्टन पुट्टन सिंंह का हाथ
डीसीपी के मुताबिक, जांच में सामने आया कि इस पूरे षड्यंत्र के पीछे कैप्टन पुट्टन सिंह था, जो एयर इंडिया में पायलट हैं और अपनी ससुराल दयानंदपुर में रहता है. वह पहले भी कई मामलों में संलिप्त रहा है. पुलिस ने उसे उसकी पत्नी और सास के साथ गिरफ्तार किया है. इसके अलावा किसान नेता प्रमोद को भी साजिश में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. ये लोग विकास परियोजना से जुड़े पुनर्वास, मुआवजा और वित्तीय लाभों पर प्रभाव जमाना चाहते थे. अब तक कुल पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. अन्य की तलाश कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) और लोकेशन डेटा के आधार पर की जा रही है.
मामला केवल अपहरण का नहीं, बल्कि एक संगठित साजिश का हिस्सा है
डीसीपी खान ने कहा कि यह मामला केवल अपहरण का नहीं, बल्कि एक संगठित साजिश का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य प्रशासनिक प्रक्रियाओं को बाधित कर निजी लाभ हासिल करना था. पुलिस आगे की जांच में जुटी है और जल्द ही और गिरफ्तारियां हो सकती हैं.