तेरहवीं के भोज में रायता खाना पड़ा महंगा! 200 लोगों को लगानी पड़ी एंटी रेबीज वैक्सीन, वजह जानकर हो जाएंगे हैरान

इस खबर से गांव में अफरा-तफरी मच गई. लोगों को डर लगा कि कहीं रायता खाने से उन्हें भी रेबीज न हो जाए. रेबीज एक बहुत खतरनाक बीमारी है, जो ज्यादातर जानवरों के काटने से फैलती है और अगर समय पर इलाज न हो तो जान ले सकती है. गांव वाले तुरंत उझानी के कम्युनिटी हेल्थ सेंटर पहुंचे और वैक्सीन लगवाने की मांग करने लगे.;

( Image Source:  Create By AI Sora )
Edited By :  रूपाली राय
Updated On : 29 Dec 2025 11:25 AM IST

उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में एक गांव है, जिसका नाम पिपरौली है. यहां पर एक अजीब और डरावनी घटना हुई, जिससे पूरे गांव में हड़कंप मच गया. गांव के लगभग 200 लोगों ने एहतियात के तौर पर रेबीज (पागलपन की बीमारी) के खिलाफ वैक्सीन लगवाई. वजह यह थी कि उन्होंने एक अंतिम संस्कार की दावत में रायता खाया था, और वह रायता उस भैंस के दूध से बना था, जिसकी बाद में रेबीज से मौत हो गई.

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गांव वालों ने बताया कि 23 दिसंबर को गांव में एक व्यक्ति की तेरहवीं (अंतिम संस्कार के बाद की रस्म) थी. उस मौके पर बड़ी दावत हुई, जिसमें सबको रायता परोसा गया/ रायता दही से बनता है, और वह दही उस भैंस के दूध से तैयार किया गया था. कुछ दिन बाद पता चला कि उस भैंस को पहले एक पागल कुत्ते ने काट लिया था. भैंस बीमार हो गई और 26 दिसंबर को उसकी मौत हो गई. मौत से पहले भैंस में रेबीज के सभी लक्षण दिखाई दे रहे थे, जैसे कि अजीब व्यवहार और कमजोरी. 

गांववालों में अफरा-तफरी

इस खबर से गांव में अफरा-तफरी मच गई. लोगों को डर लगा कि कहीं रायता खाने से उन्हें भी रेबीज न हो जाए. रेबीज एक बहुत खतरनाक बीमारी है, जो ज्यादातर जानवरों के काटने से फैलती है और अगर समय पर इलाज न हो तो जान ले सकती है. गांव वाले तुरंत उझानी के कम्युनिटी हेल्थ सेंटर पहुंचे और वैक्सीन लगवाने की मांग करने लगे. जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. रामेश्वर मिश्रा ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि भैंस को एक पागल कुत्ते ने काटा था और वह रेबीज से मरी. गांव वालों ने उस भैंस के दूध से बना रायता खाया था। डॉक्टर साहब ने कहा, 'इलाज से बेहतर है बचाव. अगर किसी को भी थोड़ा सा शक हो, तो वैक्सीन लगवा लेनी चाहिए. आम तौर पर दूध को अच्छी तरह उबालने के बाद रेबीज का वायरस मर जाता है और कोई खतरा नहीं रहता. लेकिन किसी भी छोटे से जोखिम को रोकने के लिए हमने सबको वैक्सीन दे दी.'

अब तक किसी को रेबीज नहीं

स्वास्थ्य विभाग ने साफ कहा कि गांव में अभी तक किसी को भी रेबीज नहीं हुआ है. कोई बीमारी नहीं फैली और सब कुछ पूरी तरह सामान्य है. फिर भी, सावधानी के लिए शनिवार और रविवार दोनों दिन हेल्थ सेंटर खुला रखा गया, ताकि जो भी आए उसे तुरंत वैक्सीन मिल जाए. गांव पर नजर रखी जा रही है, ताकि कोई अफवाह न फैले और लोग बेवजह डरें नहीं. गांव के एक व्यक्ति धर्मपाल ने अपनी कहानी सुनाई. उन्होंने कहा, 'भैंस को कुत्ते ने काट लिया था. वह बीमार पड़ गई और फिर मर गई. हमें डर लगा कि रायता उसी के दूध से बना था, इसलिए संक्रमण का खतरा हो सकता है. हम सबने सोचा कि बेहतर है वैक्सीन लगवा लें, ताकि सुरक्षित रहें. 

 

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