मैंने काजू-पिस्ता खिलाया और तुमने वोट नहीं दिया: बीजेपी विधायक के बयान की हुई आलोचना
ग्रामीण राशन डीलर की शिकायत लेकर विधायक के पास पहुंचे थे, लेकिन उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया. खास बात यह है कि विधायक अपने इस बयान पर अड़े हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें अपने शब्दों पर कोई पछतावा नहीं है. सोशल मीडिया पर इस भेदभाव भरे व्यवहार की काफी आलोचना हो रही है.;
भाजपा विधायक प्रदीप चौधरी ने एक मुस्लिम व्यक्ति को अपने जनता दरबार से यह कहकर लौटा दिया कि मैं सिफारिश नहीं कर सकता क्योंकि मुझे आपसे एक भी वोट नहीं मिला. हमने आपको काजू, पिस्ता, बादाम खूब खिलाए, लेकिन आपने वोट नहीं दिया. उनका यह बयान विवाद का विषय बन गया है.
ग्रामीण राशन डीलर की शिकायत लेकर विधायक के पास पहुंचे थे, लेकिन उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया. खास बात यह है कि विधायक अपने इस बयान पर अड़े हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें अपने शब्दों पर कोई पछतावा नहीं है. सोशल मीडिया पर इस भेदभाव भरे व्यवहार की काफी आलोचना हो रही है.
क्या था पूरा मामला?
दरअसल बुलंदशहर सदर के बीजेपी विधायक प्रदीप चौधरी रोज़ जनता दरबार लगाकर लोगों की समस्याएं सुनते हैं. इसी कड़ी में एक व्यक्ति राशन डीलर की शिकायत लेकर विधायक के पास पहुंचा. शिकायत के दौरान विधायक ने व्यक्ति से यह कहकर बात खत्म कर दी कि उन्होंने उन्हें वोट नहीं दिया, इसलिए वह उसकी मदद नहीं कर सकते. विधायक का यह जवाब सुनकर शिकायत लेकर आए युवाओं को निराश होकर लौटना पड़ा. इस दौरान, विधायक ने शिकायत सुनने की पूरी प्रक्रिया को अपनी फेसबुक आईडी से लाइव किया. इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर विधायक की आलोचना हो रही है.
एक और वीडियो में विधायक को यह कहते सुना गया कि अगर कोई व्यक्ति उनकी विधानसभा के बाहर का है, तो वह उसकी समस्या नहीं सुनेंगे. उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को अपनी समस्या अपने क्षेत्र के विधायक से बतानी चाहिए.
लोगों का क्या है कहना?
बीजेपी विधायक प्रदीप चौधरी संवैधानिक पद पर हैं. जो उन्हें हर नागरिक के लिए समान रूप से उत्तरदायी बनाता है, चाहे उन्होंने वोट दिया हो या नहीं. ऐसे पद पर रहते हुए विधायक को धर्म, जाति और पंथ से ऊपर उठकर सभी को समान दृष्टि से देखना चाहिए था. लेकिन मुस्लिम फरियादी की बात न सुनकर उन्होंने न केवल भेदभाव जैसी कुप्रथा को बढ़ावा दिया, बल्कि संविधान के मूल सिद्धांतों का भी उल्लंघन किया.