कैसे जंगल में लगी आग की तरह फैल रहा I Love Mohammad का विवाद? कानपुर से लेकर बरेली तक बवाल- जानें अब तक क्या हुआ
उत्तर प्रदेश में ‘I Love Mohammad’ विवाद कानपुर से शुरू होकर बरेली, शामली, बागपत, सोनीपत और देहरादून तक फैल गया है. बरेली में सबसे ज्यादा हिंसा हुई, जहां पुलिस ने अब तक 81 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. डॉक्टर नफीस और उनके बेटे समेत कई लोग भी शामिल हैं. सोशल मीडिया पर विरोध और पोस्टर वायरल हो रहे हैं. कई कांग्रेस और सपा नेता बरेली जाने की कोशिश में पुलिस द्वारा रोके गए. विवाद के बीच कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारी पुलिस तैनाती, फ्लैग मार्च और धारा 144 लागू की गई है.;
उत्तर प्रदेश के कानपुर से शुरू हुआ 'I Love Mohammad' पोस्टर विवाद अब देश के कई हिस्सों में फैल चुका है. कानपुर से बरेली में ताबड़तोड़ पुलिस कार्रवाई और गिरफ्तारियों के बीच शामली, बागपत, हरियाणा के सोनीपत, उत्तराखंड के देहरादून और महाराष्ट्र के अहिल्यानगर से भी इसी तरह की घटनाएं सामने आई हैं. इस विवाद के कारण शहरों में तनावपूर्ण माहौल बन गया है और प्रशासन ने कई जगहों पर धारा 144 लागू कर सुरक्षा कड़ी कर दी है.
बरेली पुलिस ने अब तक कुल 81 लोगों को गिरफ्तार किया है. इनमें डॉक्टर नफीस खान और उनके पुत्र फारमान खान भी शामिल हैं. आरोप है कि डॉक्टर नफीस ने लोगों को भड़काने और भीड़ जुटाने की कोशिश की. वहीं, नेताओं और सोशल मीडिया पर लगातार प्रतिक्रिया आ रही है, जहां लोग #ILoveYogi, #ILoveSanatan, #ILoveUPPolice, #ILoveMahadev और #ILoveMohammad जैसे हैशटैग के साथ अपने विचार साझा कर रहे हैं इतना ही नहीं इन सबका पोस्टर लेकर सामने आ रहे है.
छाती पर युवक ने लिखवाया I Love Muhammad फिर...
अब शामली जिले में भी इसी तरह का मामला सामने आया है. सदर कोतवाली क्षेत्र के गांव कुडाना निवासी युवक दिलशाद ने अपनी छाती पर बड़े अक्षरों में I Love Muhammad लिखवाकर प्रदर्शन किया. हाथ में तिरंगा लिए हुए वह गांव और शहर की सड़कों पर घूमता रहा. युवक ने इस घटना का एक वीडियो बनाकर गाने के साथ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर साझा किया. वीडियो में वह अपनी छाती पर लिखे संदेश को दिखाते हुए नजर आ रहा है, जो तेजी से वायरल हो रहा है और विवाद की नई लहर खड़ी कर रहा है.
बरेली में पुलिस की कार्रवाई और धारा 144
DIG बरेली AK Sahni ने कहा, 'स्थिति पूरी तरह सामान्य है. पुलिस रूट मार्च और पैदल गश्त कर रही है. हम सभी हितधारकों से बातचीत कर रहे हैं. त्योहारों को देखते हुए 10 कंपनियों की PAC, अर्धसैनिक बल, CRPF और जिला बल तैनात हैं. हम जनता से अपील करते हैं कि त्योहारों को शांतिपूर्ण तरीके से मनाएं. दोषियों की पहचान की जा रही है.'
SSP बरेली अनुराग आर्या ने बताया, "कल तक पुलिस ने 73 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा. आज कुल 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, जिसमें पुलिस मुठभेड़ में गिरफ्तार 2 लोग भी शामिल हैं. इसके अलावा कोतवाली पुलिस ने डॉक्टर नफीस खान और उनके पुत्र फारमान खान समेत 6 अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया. कुल 81 आरोपियों को अब तक गिरफ्तार किया गया है. CCTV और ड्रोन फुटेज से भीड़ भड़काने वालों की पहचान की जा रही है. जिले में धारा 144 और 163 लागू हैं."
नेताओं की रोक और प्रतिक्रिया
कांग्रेस के पूर्व सांसद दानिश अली और सहारनपुर से सांसद इमरान मसूद बरेली जाने की तैयारी में थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें उनके शहरों में ही रोक दिया. सांसदों का कहना है कि "सुनियोजित हिंसा हुई है. बेगुनाह लोगों को गिरफ्तार किया जा रहा है और उनके घर तोड़े जा रहे हैं. सहारनपुर SP व्योम बिंदल ने कहा, "हम उन पर नजर रख रहे हैं. उन्हें बरेली जाने से रोका गया ताकि कानून और व्यवस्था बिगड़े नहीं."
पुलिस मुठभेड़ में हथियार बरामद
बरेली पुलिस ने दो लोगों मुहम्मद इदरीस उर्फ बोरा और इकबाल उर्फ बुंदन खान को मुठभेड़ में गिरफ्तार किया. आरोप है कि वे शुक्रवार की हिंसा में शामिल थे. पुलिस ने इनके पास से एंटी-रॉइट गन, पिस्टल और कारतूस बरामद किए. SSP अनुराग आर्या ने कहा, "81 लोगों की अब तक गिरफ्तारी हो चुकी है."
नागरिकों और मुस्लिम नेताओं का आरोप
तौसीफ रजा खान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "मुस्लिमों को सामूहिक सजा दी जा रही है. निर्दोष मुस्लिमों पर हथियार, पेट्रोल बम और एसिड बोतल से हमला करने का आरोप लगाया जा रहा है. वीडियो से साबित होता है कि कुछ लोग शांतिपूर्ण प्रदर्शन को भड़काने के लिए stones फेंक रहे थे. बावजूद इसके पुलिस आंखें मूंदकर देख रही है." उन्होंने बताया कि "मुस्लिमों के घरों के बाहर बुलडोजर खड़े हैं, अवैध तोड़फोड़ जारी है. महिलाओं और बच्चों को प्रताड़ित किया जा रहा है, मस्जिदों पर कब्जा किया जा रहा है और इमामों व मौज़िनों को परेशान किया जा रहा है."
सोशल मीडिया पर बहस
सोशल मीडिया पर इस विवाद ने बड़ी हलचल मचा दी है. लोग #ILoveYogi, #ILoveSanatan, #ILoveUPPolice, #ILoveMahadev, #ILoveMohammad जैसे हैशटैग के साथ पोस्ट शेयर कर रहे हैं. कुछ लोग प्रशासन की कार्रवाई की सराहना कर रहे हैं तो कई लोग इसे धार्मिक भेदभाव और निर्दोष लोगों पर अत्याचार बता रहे हैं.