डासना मंदिर में घुसने की कोशिश, पुलिस ने की भीड़ पर लाठीचार्ज, नरसिंहानंद ने किया नजरबंद होने का दावा

Ghaziabad: लोनी बीजेपी विधायक नंदकिशोर गुर्जर अपने समर्थकों के साथ डासना देवी मंदिर में घुसने की कोशिश की, जहां वह महापंचायत करने वाले थे. इस दौरान हजार से अधिक लोग इकट्ठा हुए थे. पुलिस ने नरसिंहानंद के हालिया बयान को लेकर हुए तनाव के कारण महापंचायत की इजाजत नहीं दी.;

( Image Source:  Image Credit- Social Media )
Edited By :  सचिन सिंह
Updated On : 13 Oct 2024 8:52 PM IST

Ghaziabad: गाजियाबाद के डासना देवी मंदिर के बाहर रविवार दोपहर को भारी संख्या में लोगों की भीड़ पहुंची, जहां लोगों ने बैरिकेड हटाकर मंदिर में घुसने की कोशिश की. इस दौरान भारी बवाल और हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को मिला. वहीं महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद ने नजरबंद होने का आरोप लगाया है.

दरअसल, नरसिंहानंद के समर्थन हजारों की संख्या में महापंचायत में शामिल होने के लिए मंदिर क पास पहुंचे थे, जिसे लेकर पुलिस ने अनुमति नहीं दी थी. ऐसे में समर्थन और पुलिस के बीच तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई. पुलिस ने हुड़दंग कर रहे समर्थक पर लाठीचार्ज की और उन्हें हिरासत में लिया.

विधायक और उनके समर्थकों को पुलिस ने रोका

लोनी से बीजेपी विधायक नंदकिशोर गुर्जर को भी डासना देवी मंदिर जाने से रोका गया. इसके बाद विधायक और हिंदू संगठन के लोगों नेशनल हाईवे 9 पर जमकर नारेबाजी की. विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने बीते दिनों महापंचायत की घोषणा करते हुए लोगों से एकजुट होने की अपील की थी. वहीं दैनिक भास्कर की रिपोर्ट में ये भी कहा गया कि यति नरसिंहानंद ने कहा कि वह नजरबंद हैं.

बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश

पुलिस ने सुरक्षा के लिए पहले ही मंदिर के आसपास बैरिकेडिंग कर रखी थी. जब भीड़ ने बैरिकेड तोड़ने की कोशिश की तो पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा. इस दौरान 50 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है. विधायक और उनके समर्थकों ने आरोप लगाया कि उन्हें महापंचायत करने से रोका जा रहा है जबकि वह इसके जरिए सिर्फ अपनी बात रखना चाहते थे.

यति नरसिंहानंद के बयान

यति नरसिंहानंद गिरि के हाल में दिए गए बयान के बाद तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई. उन्होंने कहा था कि जो भी उन्होंने मोहम्मद और इस्लाम के विषय में बातें कही हैं, उनकी सत्यता की जांच के लिए एक रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में एक आयोग गठित किया जाए. उन्होंने मांग की कि कुरान, हदीस और अन्य इस्लामिक धार्मिक साहित्य का अध्ययन करके आयोग यह तय करना चाहिए. 

Similar News