वसंत पंचमी पर महाकुंभ में अमृत स्नान कर रहे भक्त, जानें विशेष दिन पर गंगा में डुबकी लगाने का महत्व
Basant Panchami 2025: प्रयागराज महाकुंभ में वसंत पंचमी के मौके पर भारी संख्या में अमृत स्नान करने श्रद्धालु पहुंच रहे है. सुबह से ही साधु-संत समेत भक्त गंगा में डुबकी लगा रहे हैं. वसंत पंचमी के दिन अमृत स्नान का बहुत महत्व होता है. मां सरस्वती को प्रसन्न करने के लिए उनकी आराधना की जाती है. महाकुंभ के दौरान, अमृत स्नान करने से भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति होती है.;
Amrit Snan On Basant Panchami: यूपी के प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में लाखों में संख्या में देश-विदेश से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. सोमवार 3 फरवरी को महाकुंभ का तीसरा अमृत स्नान है. खास बात यह है कि आज वसंत पंचमी में है इसलिए सुबह से ही श्रद्धालु गंगा घाट पर स्नान कर रहे हैं और विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा-अर्चना कर रहे हैं.
जानकारी के अनुसार, वसंत पंचमी परह अमृत स्नान करना का बहुत महत्व है. इसलिए इस महत्वपूर्ण दिन पर श्रद्धालु गंगा में डुबकी लगाने महाकुंभ पहुंचे हुए हैं. ऐसी मान्यताएं है कि सरस्वती पूजा यानी वसंत पंचमी का दिन बहुत पुण्यकारी माना जाता है. जो दिन इस दिन श्रद्धापूर्वक स्नान करता है, वह अपने जीवन में सफलता और पुण्य प्राप्त करता है.
वसंत पंचमी पर अमृत स्नान का महत्व
1. मोक्ष
ऐसा माना जाता है कि बसंत पंचमी पर, विशेषकर महाकुंभ के दौरान, अमृत स्नान करने से भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति होती है तथा वे जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्त हो जाते हैं.
2. सात पीढ़ियों का शुद्धिकरण
न केवल स्नान करने वाले व्यक्ति को आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होता है, बल्कि यह भी माना जाता है कि पवित्र जल का आशीर्वाद प्राप्त करके उनकी सात पीढ़ियां शुद्ध हो जाती हैं.
3. पूर्वजों की आत्मा की संतुष्टि और आध्यात्मिक शांति
इस दिन अमृत स्नान का महत्व व्यापक रूप से माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन देवी सरस्वती का अवतरण हुआ था, और परिणामस्वरूप, उनका अदृश्य रूप प्रयागराज के संगम में एक नदी के रूप में रहता है. इन पवित्र जल में डुबकी लगाने से पूर्वजों की आत्मा को तृप्ति मिलती है और भक्त को आध्यात्मिक शांति मिलती है.
4. स्वास्थ्य और कल्याण
कई भक्तों का मानना है कि पवित्र जल में डुबकी लगाने से स्वास्थ्य लाभ होता है. ऐसा कहा जाता है कि इससे स्वास्थ्य में सुधार होता है, शारीरिक बीमारियाँ दूर होती हैं और मानसिक शांति और स्पष्टता मिलती है.
5. आध्यात्मिक शुद्धि
ऐसा माना जाता है कि बसंत पंचमी के दिन संगम के पवित्र जल में डुबकी लगाने से सभी पाप धुल जाते हैं, जिससे आध्यात्मिक शुद्धि होती है. ऐसा माना जाता है कि अमृत स्नान से शरीर में दिव्य ऊर्जा का संचार होता है, भक्त को पुनः ऊर्जा मिलती है और उनके पूरे अस्तित्व में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है.