'नए साल के जश्न में शामिल न हों, यह नाजायज है...' मुस्लिम युवक-युवतियों के लिए किसने जारी किया फतवा?

New Year Celebration 2025: नए साल से पहले मुस्लिम युवक-युवतियों के लिए फतवा जारी किया गया है. इस फतवे में कहा गया है कि मुसलमान को नए साल के जश्न में शामिल नहीं होना चाहिए. यह नाजायज है. जो भी ऐसा करेगा, वह शरीयत का गुनहगार होगा. फतवे में कहा गया है कि 1 जनवरी से ईसाईयों का नया साल शुरू होता है. इस्लाम में गैर-मजहबी प्रथाओं का पालन करना नाजायज है.;

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Edited By :  अच्‍युत कुमार द्विवेदी
Updated On : 29 Dec 2024 8:16 PM IST

New Year Celebration 2025 Fatwa:  एक तरफ जहां पूरी दुनिया नए साल का जश्न मनाने की तैयारियों में जुटी हुई है, वहीं विशेष समुदाय को इस जश्न में शामिल न होने को लेकर फतवा जारी किया गया है. इस फतवे में कहा गया है कि नए साल का जश्न मनाना मुसलमानों के लिए नाजायज है. मुस्लिम युवक- युवतियां इसमें शामिल न हों.

दरअसल, यह फतवा ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने जारी किया है. उन्होंने कहा कि फतवे में नए साल का जश्न मनाने वाले मुस्लिम युवक-युवतियों को हिदायत दी गई है. साथ ही कहा गया है कि नए साल का जश्न मनाना फक्र की बात नहीं है. यह जश्न नहीं मनाया जाना चाहिए और न ही इसकी बधाई दी जानी चाहिए.

'1 जनवरी से ईसाइयों का नया साल शुरू होता है'

मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा कि 1 जनवरी से ईसाइयों का नया साल शुरू होता है. मुसलमानों के लिए गैर मजहबी प्रथाओं को मनाना नाजायज है. उन्हें नए साल का जश्न मनाने से बचना चाहिए.

नए साल का जश्न मनाने वाले होंगे गुनहगार

मौलाना ने कहा कि जो मुस्लिम युवक और युवतियां नए साल का जश्न मनाएंगे और बधाई देंगे, वे गुनहगार होंगे. नए साल पर डांस करने वाले, गीत गाने वाले और शराब पीने वाले इस्लाम के शरीयत के गुनाहगार होंगे. ऐसे में मुसलमानों को चाहिए कि वे नए साल का जश्न मनाने से बचें.

'क्लबों में जाना गलत है'

दिल्ली वक्फ इमाम के मौलाना साजिद रशीदी ने बरेलवी के बयान पर कहा कि यह उनकी निजी राय हो सकती है, लेकिन फतवा नहीं. उन्होंने कहा कि एक सर्वे में सामने आया था कि देश में पूरे साल में जितना दुष्कर्म की घटनाएं होती हैं, उससे कहीं ज्यादा 31 दिसंबर की रात को होती है. इस मौके पर क्लबों में जाना और कार्यक्रमों में शामिल होना गलत है.

'इस्लाम में शराब पार्टी और नाच-गाना नाजायज है'

मौला रशीदी ने कहा कि इस्लाम में शराब पार्टी और नाच-गाना नाजायज है. इसे हराम कहा गया है. इस्लाम कहता है कि जिसको जो मन आए करे. उसे इस्लाम से खारिज करना सही नहीं है. देश संविधान से चलता है, शरीयत से नहीं.

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