साइबर अपराधियों के लूट का नया तरीका: नोएडा में फर्जी ईडी नोटिस के जरिए 34 लाख की धोखाधड़ी

इन दिनो साइबर ठगी के बहुत से मामले चल रहे हैं. हाल में अब जालसाजों ने नया तरीका अपनाया है, वे लोगों को फर्जी ईडी नोटिस भेजते है और फिर डरा धमकाकर पैसे वसूलते है. ऐसा ही एक मामला नोएड के सेक्टर 41 से सामने आया है. जहां पर अपराधियों ने उन्हें एक बड़ी ठगी का शिकार बना लिया. ठगों ने खुद को एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) के अधिकारी बताकर उन्हें फर्जी नोटिस भेजे और डिजिटल गिरफ्तारी का डराया.;

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Edited By :  संस्कृति जयपुरिया
Updated On : 25 Nov 2024 8:06 AM IST

नोएडा के सेक्टर 41 में रहने वाली एक महिला, निधि पालीवाल, को साइबर अपराधियों ने एक बड़ी ठगी का शिकार बना लिया. ठगों ने खुद को एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) के अधिकारी बताकर उन्हें फर्जी नोटिस भेजे और डिजिटल गिरफ्तारी का डर दिखाकर उनसे 34 लाख रुपये की रकम ठग ली. इस मामले में अपराधियों ने महिला को यह बताया कि उनके नाम से एक पार्सल भेजा गया था, जिसमें अवैध सामग्री जैसे पासपोर्ट, डेबिट कार्ड, लैपटॉप और मादक पदार्थ शामिल थे.

पीड़िता निधि पालीवाल के अनुसार, यह घटना 8 अगस्त की रात करीब 10 बजे शुरू हुई. साइबर अपराधियों ने उन्हें एक कॉल किया और फिर व्हाट्सएप के जरिए एक फर्जी शिकायत भेजी, जिसमें उनके खिलाफ गंभीर आरोप लगाए गए थे. इसके बाद आरोपियों ने निधि से 34 लाख रुपये ट्रांसफर करने की मांग की. इसके बाद उन्हें एक स्काइप कॉल भी आई, जिसमें वीडियो बंद था, लेकिन अपराधी दावा कर रहे थे कि वे एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट के अधिकारी हैं और उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा. डर और घबराहट के वजह से महिला ने पैसे ट्रांसफर कर दिए, लेकिन बाद में महिला को इस धोखाधड़ी का अहसास हुआ.

पुलिस ने शुरू की जांच, और डिजिटल गिरफ्तारी के बढ़ते मामलों पर चिंता

गौतम बुद्ध साइबर अपराध थाने के प्रभारी निरीक्षक विजय कुमार गौतम ने बताया कि इस मामले में पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. उन्होंने बताया कि ठगों ने पीड़िता को ईडी के नाम पर दो फर्जी नोटिस भी भेजे थे, जिनमें उनके खिलाफ गंभीर आरोप लगाए गए थे.

आखिरकार यह मामला सिर्फ एक महिला का नहीं बल्कि पूरे देश में बढ़ते साइबर अपराधों की ओर इशारा करता है. हाल के कुछ महीनों में देशभर में "डिजिटल गिरफ्तारी" के नाम पर कई ठगी की घटनाएं सामने आई हैं. साइबर अपराधियों द्वारा इस तरह के अपराधों में वृद्धि चिंता का विषय बन चुकी है.

प्रधानमंत्री ने दी थी चेतावनी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मुद्दे को अपने 'मन की बात' रेडियो कार्यक्रम के 115वें एपिसोड में संबोधित किया था. उन्होंने लोगों से अपील की थी कि वे डिजिटल गिरफ्तारी के नाम पर हो रहे धोखाधड़ी के मामलों के प्रति सतर्क रहें और किसी भी ऐसी कॉल या वीडियो कॉल के लिए तुरंत रिएक्ट न करें. पीएम मोदी ने कहा था, "डिजिटल गिरफ्तारी का शिकार हर वर्ग और आयु वर्ग के लोग हो रहे हैं. लोग बिना सोच समझे डर के मारे अपनी मेहनत की कमाई गंवा बैठते हैं." उन्होंने लोगों को यह समझने की सलाह दी कि कोई भी सरकारी एजेंसी कभी भी फोन या वीडियो कॉल के जरिए इस तरह की जांच नहीं करती.

साइबर सुरक्षा के उपाय और सावधानियां

साइबर अपराधों से बचने के लिए अब ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक करने की जरूरत है. खासकर डिजिटल माध्यमों पर जालसाजों के द्वारा किए जाने वाले धोखाधड़ी के मामलों से बचने के लिए नीचे दिए गए कदम उठाए जा सकते हैं:

अजनबी कॉल से बचें: किसी भी अनजान नंबर से आई कॉल पर तुरंत विश्वास न करें.

सतर्क रहें: यदि किसी सरकारी एजेंसी के अधिकारी की कॉल आती है, तो उसकी जांच करें और तुरंत रिएक्ट न करें.

नकली नोटिस से बचें: फर्जी नोटिस या संदेश को नजरअंदाज करें और संबंधित विभाग से इसकी पुष्टि करें.

डिजिटल सुरक्षा: अपनी पर्सनल जानकारी को ऑनलाइन सेफ रखें और किसी भी लिंक या मैसेज पर क्लिक न करें.

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