रामपुर में रह रही पाकिस्तानी पूनम की CAA ने बदली जिंदगी! 12 साल बाद मिली भारतीय नागरिकता; जानें पूरा मामला

शादी के बाद पूनम अपने पाकिस्तानी पासपोर्ट के जरिए 2013 तक अपने माता-पिता से मिलने पाकिस्तान जाती रही. लेकिन जब उनके पासपोर्ट की अवधि खत्म हुई, तो न तो उन्हें वीजा मिला और न ही वह पाकिस्तान जा सकी. भारतीय नागरिकता न होने की वजह से उनके पास कोई भारतीय पहचान पत्र भी नहीं था.;

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Edited By :  रूपाली राय
Updated On : 18 Oct 2025 2:19 PM IST

पाकिस्तानी मूल की पूनम अब भारतीय नागरिक बन चुकी हैं, और यह खबर उनके लिए दिवाली की खुशियों को और भी खास बना रही है. पिछले 12 सालों से वह अपनी मातृभूमि पाकिस्तान में रहने वाले माता-पिता से मिलने के लिए तरस रही थी. लेकिन नागरिकता संशोधन कानून (CAA) ने उनकी उम्मीदों को नया जीवन दिया. इस साल अप्रैल में उन्होंने भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन किया था, और महज पांच महीनों में उन्हें यह खुशखबरी मिल गई. पूनम की कहानी उनके संघर्ष, धैर्य और सपनों के पूरा होने की एक मिसाल है. 

पूनम की शादी 2005 में उत्तर प्रदेश के रामपुर के सिविल लाइंस क्षेत्र में बीपी कॉलोनी के रहने वाले पुनीत कुमार से हुई थी. पूनम का जन्म और पालन-पोषण पाकिस्तान के पेशावर के पास स्वात वैली में हुआ. उन्होंने वहां इंटर तक की पढ़ाई की. उनके पिता दीनानाथ चावला पाकिस्तान में चाय पत्ती के थोक व्यापारी हैं. पूनम के परिवार के कई सदस्य दिल्ली के जनकपुरी में रहते हैं. लेकिन सवाल यह उठता है कि पूनम भारत क्यों आईं और उनकी शादी यहां कैसे हुई?. 

भारत आने की कहानी

पूनम का भारत से नाता 2004 में जुड़ा, उस समय उनके पिता दीनानाथ चावला ने फैसला लिया कि उनका परिवार भारत में बसने की कोशिश करेगा. इसके लिए उन्होंने अपनी बेटी पूनम और बेटे गगन चावला को दिल्ली भेजा. दिल्ली में दोनों अपनी बुआ के घर रहने लगे. बुआ ने ही पूनम की शादी अपने रिश्तेदार पुनीत कुमार से करवाने का फैसला किया, जो रामपुर में रहते थे. 2005 में पूनम के माता-पिता पाकिस्तान से दिल्ली आए, शादी संपन्न कराई, और फिर वापस लौट गए. 

नागरिकता का लंबा इंतजार

शादी के बाद पूनम अपने पाकिस्तानी पासपोर्ट के जरिए 2013 तक अपने माता-पिता से मिलने पाकिस्तान जाती रही. लेकिन जब उनके पासपोर्ट की अवधि खत्म हुई, तो न तो उन्हें वीजा मिला और न ही वह पाकिस्तान जा सकी. भारतीय नागरिकता न होने की वजह से उनके पास कोई भारतीय पहचान पत्र भी नहीं था. पहले भी उन्होंने नागरिकता के लिए आवेदन किया था, लेकिन कागजात खो जाने की वजह से उनकी कोशिश नाकाम रही. दिल्ली और लखनऊ के चक्कर काटने के बावजूद उन्हें सफलता नहीं मिली. 

CAA ने बदली जिंदगी

इस साल मार्च में पूनम को पता चला कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) लागू हो गया है, जिसके तहत वह दोबारा नागरिकता के लिए आवेदन कर सकती हैं. अप्रैल के पहले हफ्ते में उन्होंने ऑनलाइन आवेदन किया. 18 सितंबर को उनके पास एक मेल आया, जिसमें लिखा था कि उन्हें भारतीय नागरिकता मिल गई है. यह खबर सुनकर पूनम की आंखें खुशी से छलक उठी. उन्होंने कहा कि CAA ने उनके अधूरे सपने को सच कर दिया. उन्हें तो उम्मीद भी नहीं थी कि यह इतनी जल्दी हो पाएगा. अब वह दिवाली के बाद लखनऊ जाकर अपनी नागरिकता की मूल प्रति लेंगी. खास बात यह है कि रामपुर में पूनम इकलौती पाकिस्तानी हिंदू हैं, जिन्हें यह उपलब्धि हासिल हुई है. 

भाई को पहले मिली थी नागरिकता

पूनम के भाई गगन चावला को 2016 में भारतीय नागरिकता मिल चुकी थी. उस समय पूनम ने भी आवेदन किया था, लेकिन उनके कागजात दिल्ली और लखनऊ के बीच कहीं गुम हो गए. फिर भी पूनम ने हार नहीं मानी और लगातार कोशिश करती रही. आखिरकार इस साल उनकी मेहनत रंग लाई और वह भारतीय नागरिक बन गईं. 

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