बहराइच में बुलडोजर एक्शन पर लगी रोक, इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा आदेश, 23 लोगों के घरों पर चिपकाया गया था नोटिस
Bahraich Violence: PWD ने 23 मकानों को नोटिस दिया था. इसमें हिंसा के मुख्य आरोपी का घर पर भी नोटिस चिपकाई गई थी. अवैध निर्माण के खिलाफ आज बुलडोजर चल सकता है.;
Bahraich Violence: बहराइच के महाराजगंज बाजार इलाके में चलने वाले बुलडोजर एक्शन (Bahraich Bulldozer Action) पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण को लेकर PWD ने 23 मकानों को नोटिस दिया था. इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने 15 दिन के लिए रोक लगा दी है. अब इस मामले में बुधवार यानी 23 अक्टूबर 2024 को सुनवाई होगी.
PWD विभाग की तरफ से जिन 23 लोगों के घरों व दुकानों पर नोटिस चिपकाया गया था. उनको 15 दिनों का वक्त दिया गया है, ताकि वह जवाब दाखिल कर सके. ये नोटिस हिंसा का मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद सहित 23 लोगों के घरों व दुकानों को लेकर जारी किया गया था. इन सभी को 3 दिन में ग्रामीण सड़क के बीच से 60 फीट की दूरी पर बनाए गए अवैध निर्माण को हटाने का आदेश जारी किया गया था.
आरोपी ने दायर की थी याचिका
हिंसा के आरोपी अब्दुल हमीद की बेटी स्वालिहा और दो आरोपियों मोहम्मद अकरम और मोहम्मद निजाम ने अपनी दायर याचिका में कहा कि यह सभी मकान 10 से 70 साल तक पुराने हैं.
दुकानदारों ने खूब तोड़े दुकान
पीडब्ल्यूडी ने 23 प्रतिष्ठानों को नोटिस दिया था, जिनमें से 20 मुस्लिम दुकानदारों के हैं. बुलडोजर की कार्रवाई के डर से दुकानदारों ने मामले को अपने हाथ में लेना शुरू कर दिया है. अपनी दुकानें खाली करने के बाद उन्होंने खुद ही अवैध हिस्से को तोड़ना शुरू कर दिया. ऐसा इसलिए किया जा रहा था ताकि सरकारी बुलडोजर से उनकी पूरी दुकान नष्ट न हो जाए और ऐसी कार्रवाई से जुड़ी फीस भी न चुकानी पड़े.
नोटिस में कही गई थी ये बात
पीडब्ल्यूडी के नोटिस में स्पष्ट रूप से कहा गया था कि मुख्य सड़क से 60 मीटर के अंदर कोई भी निर्माण अवैध माना जाएगा. दुकानदारों को आदेश का पालन करते हुए इन अवैध हिस्सों को तोड़ते हुए देखा गया. एक दुकानदार ने कहा, 'बुलडोजर के आने का इंतजार करने के बजाय हमारे लिए यह बेहतर है कि हम खुद ही अनाधिकृत हिस्से को हटा लें.' अधिकारीयों ने बताया कि चिन्हित अवैध मकानों को सड़क नियंत्रण अधिनियम 1964 के तहत नोटिस जारी किया जाएगा.