लखनऊ एयरपोर्ट पर कार्गो स्कैनिंग में मिला छह महीने का भ्रूण, सुरक्षा एजेंसियों को लगा झटका
लखनऊ से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां पर एक 6 महीने के बच्चे का भ्रूण पाया गया है. बता दें यह घटना लखनऊ के पर चौधरी चरण सिंह अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट पर हुई. जैसे ही यह मामला सामने आया, एयरपोर्ट पर हड़कंप मच गया और सभी अधिकारियों में हड़कंप की स्थिति पैदा हो गई. पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है.;
लखनऊ के चौधरी चरण सिंह अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट पर एक अनहोनी घटना घटी, जिसने न केवल एयरपोर्ट के कर्मचारियों बल्कि सुरक्षा एजेंसियों को भी चौंका दिया. एयरपोर्ट के कार्गो सेक्शन में एक विमान के सामान की स्कैनिंग के दौरान छह महीने का भ्रूण बरामद हुआ. यह भ्रूण मुंबई भेजे जाने के लिए एक कोरियर कंपनी के जरिए लखनऊ से भेजा जा रहा था. जैसे ही यह मामला सामने आया, एयरपोर्ट पर हड़कंप मच गया और सभी अधिकारियों में हड़कंप की स्थिति पैदा हो गई.
सामान की स्कैनिंग के दौरान यह भ्रूण एक डिब्बे में बंद हुआ मिला. जब इसे एयरपोर्ट पर तैनात सीआईएसएफ के कर्मचारियों को सूचित किया गया, तो सुरक्षा अधिकारी मौके पर पहुंचे और कोरियर कंपनी के एजेंट को हिरासत में लिया. इसके बाद पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए तुरंत जांच शुरू कर दी.
इस मामले में सामने आई जानकारी के मुताबिक, भ्रूण लखनऊ के एक दंपत्ति का था, जिन्होंने आईवीएफ प्रक्रिया के माध्यम से इसका गर्भाधान करवाया था. भ्रूण को मुंबई भेजा जा रहा था, ताकि उस पर तुरंत जांच की जा सके.
कोरियर कंपनी की गलती
पुलिस ने आगे बताया कि कोरियर कंपनी की तरफ से यह भ्रूण सड़क के रास्ते भेजा जाना था, लेकिन गलती से इसे कार्गो में भेज दिया गया. इस गलती के कारण यह भ्रूण विमान में सवार हुआ और एयरपोर्ट पर जांच के दौरान पकड़ा गया.
डीजीपी सेंट्रल रवीना त्यागी ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इस पूरे मामले की जांच की जा रही है. उन्होंने बताया कि डिब्बे पर मुंबई का एड्रेस लिखा था, जबकि भेजने वाला का पता लखनऊ का था. मामले की जांच के बाद ही यह साफ होगा कि आखिरकार इस भ्रूण को भेजने की प्रक्रिया में इतनी बड़ी चूक कैसे हुई.
इस घटना से सुरक्षा व्यवस्था पर पड़ेगा असर
यह घटना लखनऊ एयरपोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था और कार्गो संभालने के तरीके पर सवाल खड़ा करती है. ऐसे मामलों में सावधानी बरतने की जरूरत है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटना से न केवल सुरक्षा खतरे में पड़े बल्कि मानवाधिकार से संबंधित गंभीर मुद्दे भी उत्पन्न न हो. इस घटना से लखनऊ एयरपोर्ट की सुरक्षा एजेंसियों को भी एक कड़ा संदेश मिला है कि उन्हें अपने प्रोटोकॉल और सुरक्षा जांच को और अधिक सख्त बनाना होगा.