' तू काली और मोटी है, ये क्रीम लगा'; गोरेपन की दवा के नाम पर पत्नी को जिंदा जलाने वाले कातिल पति को कोर्ट ने सुनाई फांसी की सजा
जांच में सामने आया कि घटना वाली रात किशनलाल ने पत्नी से कहा कि वह उसके लिए गोरे होने की दवा लाया है. पत्नी ने पति पर भरोसा किया और उस केमिकल को अपने शरीर पर लगा लिया. लेकिन जैसे ही उसने दवा लगाई, उसे उसमें से एसिड जैसी गंध आई.;
उदयपुर ज़िले से एक बेहद दर्दनाक और दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है. मावली स्थित एडीजे कोर्ट ने एक युवक को अपनी पत्नी की निर्मम हत्या के जुर्म में मृत्युदंड (फांसी) की सज़ा सुनाई है. यह मामला वल्लभनगर थाना क्षेत्र का है, जहां आरोपी किशनलाल ने अपनी पत्नी लक्ष्मी की सिर्फ इसलिए हत्या कर दी क्योंकि उसका रंग गोरा नहीं था.
सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट ने इसे 'दुर्लभ से दुर्लभतम मामला' मानते हुए कठोरतम सज़ा सुनाई. लोक अभियोजक दिनेश पालीवाल ने बताया कि आरोपी किशनलाल अपनी पत्नी को उसके रंग को लेकर बार-बार उलाहना देता था. वह अक्सर उसे 'काली और मोटी' कहकर परेशान करता और इसी वजह से घर में झगड़े होते रहते. धीरे-धीरे उसकी सोच इतनी जहरीली हो गई कि उसने पत्नी को खत्म करने का फैसला कर लिया.
जलते शरीर पर डाला एसिड
जांच में सामने आया कि घटना वाली रात किशनलाल ने पत्नी से कहा कि वह उसके लिए गोरे होने की दवा लाया है. पत्नी ने पति पर भरोसा किया और उस केमिकल को अपने शरीर पर लगा लिया. लेकिन जैसे ही उसने दवा लगाई, उसे उसमें से एसिड जैसी गंध आई. पत्नी ने शक ज़ाहिर किया, लेकिन पति ने उसे समझा-बुझाकर चुप करा दिया. इसके बाद आरोपी ने पत्नी के शरीर पर अगरबत्ती छुआ दी, जिससे उसके कपड़े और शरीर आग पकड़ने लगे. दर्द से तड़पती महिला जल रही थी, लेकिन आरोपी यहीं नहीं रुका. उसने बोतल में बचे हुए एसिड को भी जलती हुई पत्नी के शरीर पर डाल दिया. इस दर्दनाक यातना के कारण लक्ष्मी की मौके पर ही मौत हो गई.
अपराधियों का मनोबल बढ़ेगा
इस निर्मम हत्याकांड पर कोर्ट ने बेहद सख़्त टिप्पणी की. कोर्ट ने कहा कि समाज में ऐसे मामले लगातार बढ़ रहे हैं और यदि कड़े कदम नहीं उठाए गए तो अपराधियों का मनोबल और बढ़ेगा. समाज में अदालत का भय बना रहे, इसलिए इस मामले में आरोपी को मृत्युदंड दिया जाता है. यह फैसला समाज के लिए एक बड़ा संदेश है. सिर्फ़ रंग या रूप की वजह से किसी महिला का अपमान करना और फिर उसे मार डालना न सिर्फ़ अमानवीय है बल्कि सभ्य समाज के लिए शर्मनाक भी है. कोर्ट ने साफ कर दिया कि ऐसे अपराधियों को किसी भी तरह की नरमी नहीं मिलेगी.