पेशे से फुटबॉलर... ‘अरावली बचाओ’ मार्च में पिता सचिन पायलट के साथ दिखे बेटे आरान भी, क्या राजनीति में करने जा रहे डब्यू?
जयपुर की सड़कों पर निकले ‘अरावली बचाओ–भविष्य बचाओ’ पैदल मार्च ने पर्यावरण के साथ-साथ राजनीति में भी नई चर्चा छेड़ दी. इस मार्च में कांग्रेस नेता सचिन पायलट के साथ उनके बेटे आरान पायलट की मौजूदगी ने सबका ध्यान अपनी ओर खींच लिया और लोग इसे राजनीति में आने का संकेत बता रहे हैं.;
शुक्रवार 26 दिसंबर को जयपुर की सड़कों पर निकली एक पदयात्रा ने राजनीति में हलचल मचा दी. ‘अरावली बचाओ-भविष्य बचाओ’ पैदल मार्च के दौरान कांग्रेस नेता सचिन पायलट के साथ एक चेहरा ऐसा दिखा, जिसने सबका ध्यान खींच लिया.
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यह चेहरा था उनके बेटे आरान पायलट का. पहली बार किसी सार्वजनिक आंदोलन में आरान की मौजूदगी ने सियासी गलियारों में यह सवाल खड़ा कर दिया कि क्या पायलट परिवार की अगली पीढ़ी अब राजनीति में कदम बढ़ा रही है? ऐसे में लोगों में उत्सुकता है कि आखिर आरान पायलट हैं कौन?
कौन हैं आरान पायलट?
सचिन पायलट ने जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला की बेटी सारा अब्दुल्ला से शादी रचाई थी. इस शादी से कपल के दो बेटे हैं, जिनका नाम आरान और विहान है. फिलहाल आरान पायलट राजनीति से दूर हैं.
फुटबॉल गेम के हैं शौकीन
आरान स्कूल में पढ़ाई कर रहे हैं और खेलों में उनकी खास रुचि है. आरान को फुटबॉल खेलना बेहद पसंद है. वह रोड़ टू यूरोप-22 के विनर रह चुके हैं. इसके अलावा, वह एफसी गोवा क्लब से भी जुड़े हुए हैं.
आरान ने नहीं की कोई भाषणबाजी
सफेद शर्ट और नीले ट्राउजर में दिखे आरान पायलट की सादगी ने लोगों का ध्यान खींच लिया. उन्होंने इस मार्च के दौरान न तो कोई भाषण दिया और न ही नारे लगाए, बस चुपचाप पूरे मार्च में शामिल रहे. उनकी यही शांत मौजूदगी लोगों को सोचने पर मजबूर कर गई. कुछ लोगों को लगा कि यह भविष्य में राजनीति की ओर बढ़ने का पहला कदम हो सकता है, जबकि कईयों ने इसे अपने पिता के आंदोलन के लिए एक भावनात्मक और पारिवारिक समर्थन के रूप में देखा.
क्या राजनीति में आने का है संकेत?
पदयात्रा के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं में आरान पायलट के साथ फोटो खिंचवाने का खास उत्साह दिखा. कई लोगों ने उनके साथ सेल्फी ली और तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गईं. हालांकि आरान ने मीडिया से कोई बात नहीं की और पूरे कार्यक्रम में शांत बने रहे. उनकी यह चुप्पी लोगों की उत्सुकता और बढ़ा गई. अब सबके मन में यही सवाल है कि क्या यह सिर्फ पिता के साथ मौजूद रहने भर की बात थी, या फिर राजनीति में आने का कोई संकेत. इसका जवाब तो आने वाला समय ही देगा, लेकिन इतना साफ है कि जयपुर की इस पदयात्रा ने आरान पायलट को पहली बार सियासी चर्चा में जरूर ला दिया है.