केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के काफिले पर अटैक, बदमाशों ने ऐसे किया हमला
Gajendra Singh Shekhawat: केंद्रीय मंत्री शेखावत शुक्रवार शाम करीब साढ़े सात बजे होली कार्यक्रम में शामिल होने जोधपुर पहुंचे. इस दौरान उनके काफिले पर अज्ञातों ने हमला कर दिया. उनकी कार पर हॉकी और डंडे से हमला किया गया. जिससे उनकी कार का शीशा टूट गया. काफिले पर हुए हमले के बाद भी उन्होंने स्थानीय लोगों से मुलाकात की और होली की शुभकामनाएं दी. उन्होंने कार्यक्रम की फोटो भी सोशल मीडिया पर शेयर की है.;
Gajendra Singh Shekhawat: राजस्थान के जोधपुर में होली के कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के काफिले पर हमला किया गया. वह कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंचे थे, तभी अज्ञात बदमाशों ने हमला कर दिया. उनकी कार पर अज्ञात व्यक्ति ने हॉकी स्टिक से हमला कर दिया। इस हमले में गाड़ी का शीशा टूट गया.
जोधपुर जिले के मंडोर इलाके में केंद्रीय मंत्री 'राव जी की गैर' जुलूस में शामिल होने गए थे. कुछ लोगों ने उनके काफिले पर हमला किया. अचानक हुए हमले से मौके पर हड़कंप मच गया, जिसके बाद पुलिस ने केंद्रीय मंत्री के आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी.
कैसे हुआ हमला?
केंद्रीय मंत्री शेखावत शुक्रवार शाम करीब साढ़े सात बजे अपने काफिले के साथ कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे. उनकी गाड़ी पर पार्क की गई, तभी एक अज्ञात हमलावर ने पीछे से एक स्पेयर कार पर हमला किया, जिससे उसका शीशा टूट गया. पुलिस ने तुरंत हमलावर की तलाश शुरू कर दी. 'राव जी की गैर' कार्यक्रम सैनिक क्षत्रिय माली समाज की ओर से आयोजित किया गया था.
इस मामले के बारे में एसीपी मंडोर नागेंद्र कुमार ने कहा कि काफिले पर हमला करने वाले दो संदिग्धों को हिरासत में ले लिया गया है. बाकी के अज्ञात की पहचान करने के लिए सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है. बदमाशों ने डंडे या हॉकी से गाड़ी के शीशे पर हमला किया है.
हमले के बाद भी दी शुभकामनाएं
केंद्रीय मंत्री ने काफिले पर हुए हमले के बाद भी उन्होंने स्थानीय लोगों से मुलाकात की और होली की शुभकामनाएं दी. उन्होंने कार्यक्रम की फोटो भी सोशल मीडिया पर शेयर की है. बता दें कि इस कार्यक्रम में उत्साहपूर्ण भीड़ देखी गई, जिसमें प्रतिभागियों (गेरिया) ने फाग गीत गाए और रंगीन पोशाक पहनकर जश्न मनाया. पारंपरिक उत्सव को देखने के लिए भारी भीड़ जुटी थी.
'राव जी की गैर' का जुलूस दोपहर करीब 2:45 बजे मांडावता बेरा मंदिर से शुरू हुआ. इसके बाद खोखरिया बेरा, भियाली बेरा, गोपी का बेरा और फतेहबाग से होते हुए मंडोर नागकुंड पहुंचा. इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण राव राजा का प्रतीकात्मक नागकुंड में कूदना था, जिसके बाद गेरियों ने एक-दूसरे पर पानी छिड़ककर होली खेली. कार्यक्रम का समापन 'घेरा' के विसर्जन के साथ हुआ, जो होली समारोह का समापन था.