जोधपुर में भीषण हादसा: कोलायत से लौट रहे श्रद्धालुओं की बस ट्रक से भिड़ी, 18 लोगों की मौत; कई घायल, कौन है जिम्मेदार?

राजस्थान के जोधपुर के फालोदी क्षेत्र में श्रद्धालुओं से भरी टेंपो ट्रैवलर सड़क किनारे खड़े ट्रक से टकरा गई, जिसमें 18 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए. यह हादसा बीकानेर के कोलायत दर्शन से लौटते समय हुआ. टक्कर इतनी भयावह थी कि वाहन का आगे का हिस्सा पूरी तरह पिचक गया. घटना के बाद पुलिस-प्रशासन ने राहत-बचाव कार्य शुरू किया और घायलों को जोधपुर अस्पताल रेफर किया गया.;

( Image Source:  Sora_ AI )
Edited By :  अच्‍युत कुमार द्विवेदी
Updated On : 2 Nov 2025 9:45 PM IST

Jodhpur Phalodi road accident news: राजस्थान के फलोदी जिले के मतोड़ा क्षेत्र में रविवार शाम को एक बेहद गंभीर सड़क दुर्घटना हुई. जानकारी के अनुसार, एक टूरिस्ट बस (टेंपो ट्रैवलर) जो लौट रही थी, अचानक सड़क किनारे खड़े ट्रक से टकरा गई. HT की रिपोर्ट के मुताबिक, इस हादसे में 18  श्रद्धालुओं की मौके पर ही मौत हो गई है, जबकि 3-4 लोग गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं. हालांकि, कुछ रिपोर्ट्स में 15 लोगों की  मौत होने की बात कही जा रही है.

बस सूरसागर (जोधपुर) से निकल कर बीकानेर के कोलायत दर्शन के लिए गई थी. दर्शन के बाद लौटते समय यह दुर्घटना हुई. बस तेज गति से चल रही थी. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि चालक को संतुलन खो गया और वह सड़क किनारे खड़े ट्रक को समय पर नहीं देख पाया. रात का अँधेरा और तेज रफ्तार इस हादसे की वजह बनी. टक्कर इतनी भीषण थी कि बस का आगे का हिस्सा पूरी तरह पिचक गया और कई यात्री उसमें फंस गए. घायलों को बाहर निकालने में ग्रामीणों और पुलिस को घंटों मशक्कत करनी पड़ी.

स्थानीय पुलिस और थाना अधिकारी तुरंत मौके पर पहुंचे

घटना के बाद स्थानीय पुलिस और थाना अधिकारी तुरंत मौके पर पहुंचे. मतोड़ा थाना के अधिकारी अमानाराम ने घायलों को बस से बाहर निकालने के लिए ग्रामीणों की मदद ली. उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद जोधपुर के अस्पतालों में रेफर किया गया. दर्दनाक घटना की जानकारी मिलते ही गजेंद्र सिंह शेखावत (जोधपुर लोकसभा सांसद) ने ट्वीट के माध्यम से संवेदना जताई और प्रशासन को तत्काल मदद देने के निर्देश दिए.

प्रमुख चिंताएं और आगे की चुनौतियां

तेज गति और अंधेरे का संयोजन हादसे की प्रमुख वजह बना। ऐसे में सड़क सुरक्षा और ड्राइवर की सतर्कता दो-एक कारण रहे. सड़क किनारे खड़े ट्रक का स्थान या चेतावनी संकेत का अभाव भी प्रश्न खड़ा करता है. घायल संख्या को देखते हुए बेहतर चिकित्सा सुविधा और घायलों एवं मृतकों के परिवारों के लिए सहायता-व्‍यवस्था तत्परता से चलानी होगी. घटना स्थल पर बचाव एवं राहत कार्य तेजी से संचालित हुआ, लेकिन इस तरह की दुर्घटनाओं को रोकने के लिए नियमित ट्रैफिक मॉनिटरिंग, ड्राइवर प्रशिक्षण व यातायात चिह्नों की व्यवस्था आवश्यक है.

यह हादसा न केवल एक व्यक्तिगत त्रासदी है बल्कि सड़क-सुरक्षा, यातायात नियामक व्यवस्था और आपदा-प्रबंधन की कमियों को उजागर करता है. फालोदी-मतोड़ा क्षेत्र में हुई इस दुर्घटना से यह स्पष्ट होता है कि श्रद्धालुओं की यात्रा के दौरान भी उतनी सावधानी नहीं बरती जा रही जितनी बरती जानी चाहिए. भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए तत्कालीन कदम उठाना बेहद जरूरी है. 

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