वॉशरूम जाने के बहाने क्लास से निकली और 9 साल की बच्ची ने चौथी मंजिल से लगा दी छलांग, सामने आया हादसे का Video
जयपुर के नीरजा मोदी स्कूल में चौथी कक्षा की 9 वर्षीय छात्रा अमायरा की दुखद मौत ने पूरे शहर को स्तब्ध कर दिया है। स्कूल की चौथी मंजिल से कूदकर हुई इस हृदय विदारक घटना ने कई अनसुलझे सवाल छोड़ दिए हैं, जिनका जवाब किसी के पास नहीं है। यह घटना छुट्टी से ठीक पहले उस वक्त हुई जब अमायरा वॉशरूम जाने के बहाने क्लास से निकली थी.
जयपुर के नामचीन नीरजा मोदी स्कूल में शुक्रवार दोपहर एक ऐसी घटना घट गई जिसने हर किसी का दिल दहला दिया. स्कूल की चौथी कक्षा में पढ़ने वाली 9 वर्षीय छात्रा अमायरा की मौत चौथी मंजिल से गिरने के कारण हो गई. अमायरा की मौत ने पूरे शहर में मातम और हैरानी का माहौल बना दिया है. यह घटना स्कूल की छुट्टी से कुछ मिनट पहले की है। बताया जा रहा है कि अमायरा अपने क्लासरूम में थी, जब उसने टीचर से कहा कि वह वॉशरूम जाना चाहती है.
इसके बाद वह बाहर निकली और कुछ ही देर में एक ऐसी आवाज़ आई जिसने पूरे स्कूल को हिला दिया. बच्चे और टीचर्स जब मौके पर पहुंचे तो अमायरा जमीन पर घायल पड़ी थी. तुरंत उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. शुरुआती जांच में पुलिस को यह मामला आत्महत्या जैसा लग रहा है.
अचानक लगा दी छलांग
स्कूल में लगे सीसीटीवी फुटेज के अनुसार, अमायरा चौथी मंजिल की गलियारे में कुछ देर तक टहलती रही और फिर अचानक रेलिंग पर चढ़कर नीचे कूद गई. घटना इतनी तेज़ी से घटी कि कोई उसे रोक भी नहीं सका. पुलिस यह समझने की कोशिश कर रही है कि आखिर एक 9 साल की बच्ची ऐसा कदम क्यों उठाएगी. क्या वह किसी डर, दबाव या मानसिक तनाव में थी? या स्कूल में उसके साथ कुछ ऐसा हुआ, जिससे वह व्यथित हो गई? फिलहाल सभी सवालों के जवाब जांच रिपोर्ट के बाद ही मिल पाएंगे.
वह बहुत खुश थी
परिवार ने स्कूल प्रशासन के खिलाफ थाने में FIR दर्ज करवाई है. उनका कहना है कि उनकी बच्ची मानसिक रूप से बहुत खुशमिजाज थी और ऐसे कदम उठाने का कोई कारण नहीं था. इसलिए यह घटना किसी दबाव या स्कूल में हुई किसी अप्रिय घटना का नतीजा हो सकती है. पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. इस दर्दनाक घटना ने स्कूलों में बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य और सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. क्या शिक्षा संस्थान सिर्फ पढ़ाई पर ध्यान दे रहे हैं या यह भी देख रहे हैं कि बच्चे मानसिक रूप से कैसे महसूस कर रहे हैं? नौ साल जैसी छोटी उम्र में ऐसा कदम उठाना बच्चों में बढ़ते तनाव और इमोशनल इंस्टैबिलिटी की तरफ इशारा करता है।





