'भारत शांति चाहता है, लेकिन उकसाने पर... ', ऑपरेशन सिंदूर पर बोले RSS प्रमुख मोहन भागवत; पाकिस्तान को दिया सख्त संदेश

जयपुर में एक कार्यक्रम के दौरान आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि भारत शांति में विश्वास रखता है, लेकिन अगर कोई देश उसे उकसाता है तो भारत के पास उसे करारा जवाब देने की ताकत भी है. उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के संदर्भ में भारत की दृढ़ता को रेखांकित करते हुए कहा कि भारत विश्व कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन अपनी सुरक्षा से समझौता नहीं करेगा.;

By :  अच्‍युत कुमार द्विवेदी
Updated On : 17 May 2025 10:11 PM IST

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने 17 मई को जयपुर के हरमाड़ा स्थित गुरु रविनाथ आश्रम में आयोजित एक सभा में कहा कि भारत वैश्विक शांति के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन यदि कोई उकसाता है, तो देश के पास उसे सबक सिखाने की शक्ति और संकल्प है. उन्होंने कहा कि भारत का किसी से बैर नहीं है, लेकिन यदि कोई दुस्साहस करता है, तो भारत में उसे सबक सिखाने की ताकत है; यह ताकत होनी चाहिए.

मोहन भागवत ने यह भी कहा कि भारत का धर्म विश्व कल्याण है और यह विशेष रूप से हिंदू धर्म का दृढ़ कर्तव्य है. उन्होंने भारत की भूमिका को बड़े भाई के रूप में वर्णित किया, जो सद्भाव और शांति के लिए कार्य करता है.


'भारत ने हमेशा श्रीलंका, नेपाल और मालदीव की मदद की'

भागवत ने कहा कि जब श्रीलंका, नेपाल और मालदीव संकट का सामना कर रहे थे, तब भारत ने सबसे पहले उनकी सहायता की थी, जबकि पूरी दुनिया उनका अपने लाभ के लिए उपयोग करती है, भारत ने हमेशा उनकी सहायता की है, भले ही उन्होंने कभी-कभी हमारे खिलाफ भी कार्रवाई की हो. 



'हमें शक्तिशाली होने की जरूरत है'

आरएसएस प्रमुख ने कहा कि भारत किसी से नफरत नहीं करता, लेकिन दुनिया प्रेम और कल्याण की भाषा तभी सुनती हैं, जब आपके पास शक्ति हो. यह दुनिया का स्वभाव है, जिसे बदला नहीं जा सकता. इसलिए हमें शक्तिशाली होने की जरूरत है. 



आरएसएस प्रमुख का यह बयान ऑपरेशन सिंदूर के संदर्भ में आया, जिसमें भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की थी. ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले का बदला लिया है, इसके तहत भारत ने पाकिस्तान और पीओके में 9 आतंकी ठिकानों पर हमला कर 100 से ज्यादा आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया. 

'वैश्विक कल्याणों को बढ़ावा देना हिंदू मूल्यों का केंद्र है'

भागवत ने कहा कि वैश्विक कल्याणों को बढ़ावा देना हिंदू मूल्यों का केंद्र है. उन्होंने भारत की बलिदान की परंपरा को भी उजागर किया और कहा कि हम भगवान श्रीराम से लेकर भामाशाह तक सभी की पूजा और सम्मान करते हैं. 

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