एथेनॉल फैक्ट्री विवाद, दहशत में घर छोड़ने को मजबूर लोग; राकेश टिकैत की एंट्री से महापंचायत का ऐलान
हनुमानगढ़ में एथेनॉल प्लांट को लेकर किसानों का विरोध बढ़ता ही जा रहा है. इलाके में दूसरे दिन भी इंटरनेट सेवाएं बंद रही. प्लांट के पास रहने वाले करीब 30 परिवार सुरक्षा के डर से अपने घर खाली कर चुके हैं. इसको लेकर अब 17 दिसंबर को महापंचायत का ऐलान किया गया है, जिसमें राकेश टिकेत भी शामिल होंगे.;
हनुमानगढ़ में एथेनॉल प्लांट को लेकर किसानों का विरोध अब पूरी तरह भड़क चुका है. स्थानीय स्तर पर शुरू हुआ यह आंदोलन अब प्रदेश से निकलकर संसद तक पहुंच गया है, जहां इसकी गूंज साफ सुनाई दे रही है. इसी बीच आंदोलन में नया मोड़ तब आया जब किसान नेता राकेश टिकैत के 17 दिसंबर को होने वाली महापंचायत में शामिल होने की पुष्टि हो गई. यह महापंचायत जिला कलेक्ट्रेट पर आयोजित होगी और इसमें बड़ी संख्या में किसान नेता भाग लेंगे.
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गुरुवार सुबह जब किसान और ग्रामीण बैठक के लिए एकत्र हो रहे थे, तो पुलिस ने उन्हें रोक दिया. इससे किसानों में नाराजगी और तनाव और बढ़ गया. आंदोलनकारियों का कहना है कि उनकी मांगें पूरी होने तक वे निर्माणाधीन एथेनॉल फैक्ट्री के खिलाफ विरोध जारी रखेंगे.
गुरुद्वारे में जमा हुए किसान, इंटरनेट सेवा भी बंद
टिब्बी इलाके में किसान गुरुद्वारे में इकट्ठा होने लगे, जबकि प्रशासन ने क्षेत्र में लगातार दूसरे दिन भी इंटरनेट सेवाएं बंद रखीं. प्लांट के पास रहने वाले करीब 30 परिवार सुरक्षा के डर से अपने घर खाली कर चुके हैं.
10 दिसंबर की हिंसा में 50 से अधिक लोग घायल हुए, जिनमें कई महिलाएं भी शामिल थीं. कांग्रेस विधायक अभिमन्यु पूनिया के सिर में गंभीर चोट आई, जिसके बाद उन्हें जिला अस्पताल ले जाया गया. हिंसा के बाद बुधवार को स्कूल, कॉलेज और बाजार बंद रखने पड़े.
कलेक्टर का बयान
हनुमानगढ़ कलेक्टर डॉ. खुशाल यादव ने कहा कि एथेनॉल प्लांट को सभी आवश्यक परमिशन दी गई थीं. उन्होंने बताया कि 10 दिसंबर की घटना के बाद 107 से ज्यादा किसानों और ग्रामीणों पर मामला दर्ज किया गया है, जिनमें से 40 लोग हिरासत में हैं. हालात नियंत्रण में रखने के लिए पुलिस, RAC और होम गार्ड्स की अतिरिक्त टुकड़ियां टिब्बी और राठीखेड़ा में तैनात कर दी गई हैं.
महिलाओं ने लगाए आरोप
गुरुद्वारा सिंह सभा में शरण लिए कुछ महिलाओं ने पुलिस पर बड़े आरोप लगाते हुए कहा कि भीड़ पर पुलिस ने फायरिंग की. महिलाओं ने गोली के खोल दिखाते हुए दावा किया कि डर की वजह से कई परिवारों ने अपने घर छोड़ दिए और मजबूरी में गुरुद्वारे में रहना पड़ रहा है.
17 दिसंबर की महापंचायत बनेगी निर्णायक?
पूर्व विधायक बलवान पूनिया ने बताया कि महापंचायत में कई किसान संगठन शामिल होंगे और आंदोलन को और मजबूती दी जाएगी. इसमें राकेश टिकैत की मौजूदगी से माहौल और गर्माने की संभावना है. किसान बताते हैं कि यदि सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानीं, तो आंदोलन अगले चरण में प्रवेश कर सकता है.