ऑपरेशन सिंदूर का ‘नन्हा हीरो’: पंजाब के शवन की बहादुरी को सलाम, सेना उठाएगी पढ़ाई का खर्च; फायरिंग के बीच सैनिकों को पिलाई थी लस्सी

पंजाब के तारा वाली गांव के 10 वर्षीय शवन सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान गोलियों की बारिश के बीच भारतीय सैनिकों को खाना, पानी और लस्सी पहुंचाकर असाधारण साहस दिखाया. उनकी बहादुरी को सलाम करते हुए भारतीय सेना ने फिरोजपुर छावनी में उन्हें सम्मानित किया और उनकी पूरी शिक्षा का खर्च उठाने का वादा किया. शवन ने कहा कि वह बड़ा होकर फौजी बनना चाहता है और देश की सेवा करना चाहता है.;

( Image Source:  x/airnewsalerts )
Edited By :  अच्‍युत कुमार द्विवेदी
Updated On : 21 July 2025 12:33 AM IST

Shvan Singh bravery: पंजाब के फिरोजपुर जिले के तारा वाली गांव से एक दिल छू लेने वाली कहानी सामने आई है, जहां 10 साल के शवन सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सैनिकों की मदद कर सबका दिल जीत लिया. शनिवार को फिरोजपुर छावनी में आयोजित एक समारोह के दौरान वेस्टर्न कमांड के जीओसी-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कुमार कटियार ने इस 'शांत नायक' की बहादुरी की सराहना की.

जब गांव में पाकिस्तान सेना के साथ मुठभेड़ हो रही थी, तब शवन ने बिना किसी के कहे चाय, पानी, दूध, लस्सी और बर्फ जैसे जरूरी सामानों की आपूर्ति सैनिकों तक पहुंचाई. वह गोलियों की तड़तड़ाहट के बीच बिना डरे सैनिकों के लिए दौड़ता रहा.



शवन की पढ़ाई का पूरा खर्च उठाएगी सेना

भारतीय सेना की 'गोल्डन एरो डिवीजन' ने शवन की बहादुरी को सम्मान देते हुए उसकी पूरी शिक्षा का खर्च उठाने की घोषणा की है. सेना ने कहा कि शवन जैसे गुमनाम नायकों की कहानियां देशभर में प्रेरणा का स्रोत हैं और इन्हें पहचान व सहयोग मिलना चाहिए।

बड़ा होकर फौजी बनना चाहता है शवन

शवन, जो फिलहाल चौथी कक्षा में पढ़ता है, का सपना है कि वह बड़ा होकर 'फौजी' बने और देश की सेवा करे. खुद शवन ने कहा, "मैं बड़ा होकर सेना में जाना चाहता हूं, देश की रक्षा करना चाहता हूं." उसके पिता ने गर्व से कहा, "हमें उस पर गर्व है. वह खुद ही सैनिकों के लिए सामान लेकर जाता था. सैनिकों ने भी उसे खूब प्यार दिया।"


अंतरराष्ट्रीय सीमा से मात्र 2 किलोमीटर दूर स्थित है तारा वाली गांव 

गौरतलब है कि तारा वाली गांव अंतरराष्ट्रीय सीमा से मात्र 2 किलोमीटर दूर स्थित है. 7 मई को भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पीओके में स्थित नौ आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले कर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अंजाम दिया था. यह कार्रवाई 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में की गई थी, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी. शवन की कहानी एक उदाहरण है कि देशभक्ति की भावना उम्र नहीं देखती. सच्चे हीरो अक्सर सबसे अनसुने कोनों से निकलते हैं.

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