'मृतक सैनिक का परिवार विशेष पेंशन का हकदार...'पंजाब-हरियाणा HC का बड़ा फैसला
Punjab-Haryana HC: पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने एक मामले पर सुनवाई करते हुए फैसला सुनाया कि अगर कोई सैनिक ड्यूटी के दौरान किसी दुर्घटना में मर जाता है, उसकी मौत में कोई लापरवाही नहीं हुई हो तो उसके परिवार विशेष पेंशन देनी चाहिए. इस संबंध में सरकार को आदेश दिए गए हैं केंद्र ने सशस्त्र बल न्यायाधिकरण (AFT) चंडीगढ़ की ओर से 19 अप्रैल, 2023 के आदेश को कोर्ट में चुनौती दी थी.;
Punjab-Haryana HC: देश की सीमा पर जवान तैनात रहते हैं, तभी हम अपने घरों में चैन की नींद ले पाते हैं. लेकिन कई बार ड्यूटी के दौरान कभी जंग तो कभी हादसे में उनकी मौत हो जाती है. अब पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने सैनिकों के परिजन के लिए बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने कहा, अगर कोई सैनिक ड्यूटी के दौरान किसी दुर्घटना में मर जाता है, उसकी मौत में कोई लापरवाही नहीं हुई हो तो परिवार विशेष पेंशन हकदार होगा.
हाई कोर्ट ने एक मामले पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया है. अदालत ने संबंधित अधिकारियों और सरकार को इस संबंध में आदेश जारी किए हैं. फैसला सुनाते हुए जस्टिस संजीव प्रकाश शर्मा और जस्टिस मीनाक्षी आई मेहता ने केंद्र सरकार की ओर से दायर की गई याचिका को खारिज कर दिया है.
क्या है मामला?
जानकारी के अनुसार, केंद्र ने सशस्त्र बल न्यायाधिकरण (AFT) चंडीगढ़ की ओर से 19 अप्रैल, 2023 के आदेश को कोर्ट में चुनौती दी थी. इस मामले में कांता देवी को विशेष पारिवारिक पेंशन देने का आदेश दिया गया था, एक हादसे में उन्होंने अपनै सैनिक बेटे को खो दिया था. 8 सितंबर 2002 वह सेना में भर्ती हुआ था. वह 13 डोगरा रेजिमेंट में सिपाही के तौर तैनात था.
सैनिक जब ड्यूटी पर लौटने के लिए टिकट कराने जा रहा था. वह बाइक से रेलवे स्टेशन के पास उसे रोपड़ जिले से पास बस वाले ने टक्कर मार दी, जिससे व्यक्ति ने सिर में चोट आई और उसकी मौत हो गई. फिर कांता देवी ने सरकार ने मदद की गुहार लगाई और पेंशन की मांग की, जिसे रद्द कर दिया गया. कोर्ट ने सभी दलीलों को सुनकर परिजन को विशेष पेंशन देने का आदेश दिया. कोर्ट ने कहा, यह फैसला सैनिक की मौत के बाद उसके परिवार को आर्थिक समस्याओं को देखते हुए लिया गया है.
कर्नल से मारपीट पर भड़का कोर्ट
हाल ही में कर्नल से मारपीट का मामला सामने आया था. इस मामले में पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने दोषी पुलिस अधिकारियों पर एक्शन न लेने पर पंजाब सरकार की फटकार लगाई है. कोर्ट ने कहा, जब पहचान हो गई है तो अब तक अधिकारियों के खिलाफ क्यों कार्रवाई नहीं की गई. साथ ही हमले की जांच के लिए आदेश दिए गए थे.