लोहड़ी बंपर लॉटरी का बढ़ाया प्राइज अमाउंट, जीतने पर मिलेंगे ये पुरस्कार
Punjab Government: भगवंत मान सरकार ने 'पंजाब राज लोहड़ी मकर संक्रांति बंपर लॉटरी 2025' के लिए पुरस्कार की घोषणा की है. सरकार ने लोहड़ी बंपर लॉटरी के इनाम की राशि बढ़ा दी है. इसकी जानकारी पंजाब के वित्त मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने दी है.;
Punjab Government: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने प्रदेश की भलाई के लिए कई बड़े फैसले लिए हैं. जनता के लिए बहुत सी आर्थिक सपोर्ट देने वाली योजनाएं चला जा रही हैं. कुछ दिनों बाद देश भर में लोहड़ी और मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जाएगा. इससे पहले सीएम मान ने एक बड़ा एलान किया है.
जानकारी के अनुसार, भगवंत मान सरकार ने 'पंजाब राज लोहड़ी मकर संक्रांति बंपर लॉटरी 2025' के लिए पुरस्कार की घोषणा की है. सरकार ने लोहड़ी बंपर लॉटरी के इनाम की राशि बढ़ा दी है. इसकी जानकारी पंजाब के वित्त मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने दी है.
इनाम की राशि में बढ़ोतरी
मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने बताया कि 'पंजाब राज लोहड़ी मकर संक्रांति बंपर लॉटरी 2025' की इनाम में मिलने वाले राशि 10 करोड़ रुपये कर दिया है. यह रणनीतिक कदम बाकी राज्यों की लॉटरी को कड़ा कॉम्पिटिशन के साथ राज्य के विकास को भी बढ़ावा देगा. इससे राज्य का राजस्व भी बढ़ेगा और पंजाब के लॉटरी बाजार को और अधिक गति मिलेगी.
लॉटरी में क्या मिलता है इनाम?
पंजाब राज लोहड़ी मकर संक्रांति बंपर लॉटरी 2025 प्रदेश के लोगों को लाभ प्रदान करती है. इसके तहत पुरस्कार जीतने का मौका मिलता है, बल्कि इन सरकारी लॉटरी से मिलने वाले राजस्व का इस्तेमाल विकास प्रोजेक्ट पर खर्च किया जाता है. जिससे पंजाब की जनता को लाभ मिलता है. चीमा ने कहा कि 500 रुपये से इस लॉटरी का टिकट खरीद सकते हैं और करोड़पति बन सकते हैं. इसमें पहला पुरस्कार 10 करोड़ रुपये, दूसरा 1 करोड़ रुपये और तीसरा पुरस्कार 50 लाख रुपये का है. लॉटरी के तहत कुल 68,819 पुरस्कार दिए जाएंगे. जिनकी कुल पुरस्कार राशि 23,47,90,000 रुपये हैं.
शादी करने वालों को मिल रहे पैसे
हाल ही में पंजाब सरकार ने इंटर कास्ट मैरिज योजना के तहत अप्लाई करने वाले कपल को 2.5 लाख रुपये देने का एलान किया था. अब आवेदकों को भुगतान करने के लिए पोस्ट ऑफिस जाने की जरूरत नहीं है. क्योंकि अब यह सुविधा ऑनलाइन उपलब्ध होगी. केंद्र सरकार ने इस राशि को साल 2017 में 50 हजार से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये कर दिया था, लेकिन पंजाब में इस अब लागू किया गया है. फंड न मिलने की वजह से फैसले को लागू करने में देरी हुई.