कौन हैं मुकुंद आगीवाल? जिन्होंने CA के एग्जाम में किया टॉप, जानें उनकी सक्सेस स्टोरी
कौन कहता है छोटे शहरों से बड़े सपने पूरे नहीं होते. मध्यप्रदेश के धामनोद कस्बे के साधारण परिवार से आने वाले मुकुंद आगीवाल ने यह बात एक बार फिर साबित कर दी है. स्टेशनरी की छोटी-सी दुकान चलाने वाले पिता के बेटे ने पूरे देश में CA फाइनल एग्जाम में टॉप कर इतिहास रच दिया. 600 में से 500 मार्क्स लाकर मुकुंद ने ऑल इंडिया रैंक 1 हासिल की है और अपने परिवार व धामनोद का नाम रोशन कर दिया है.;
कहते हैं अगर इरादे पक्के हों और मेहनत सच्ची, तो किस्मत भी झुक जाती है. मध्यप्रदेश के धार जिले के छोटे से कस्बे धामनोद में रहने वाले मुकुंद आगीवाल ने यह बात सच कर दिखाया. उन्होंने CA फाइनल परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक 1 हासिल कर इतिहास रच दिया.
धामनोद के इस स्टेशनरी शॉप वाले परिवार के बेटे ने दिखा दिया कि अगर जिद सच्ची हो तो मंज़िल दूर नहीं होती. मुकुंद आगीवाल की यह कहानी देशभर के छात्रों के लिए प्रेरणा है कि हालात चाहे जैसे हों, मेहनत और समर्पण से हर सपना पूरा किया जा सकता है.
कौन है मुकुंद आगीवाल?
मुकुंद आगीवाल के पिता पवन आगीवाल मध्यप्रदेश के धामनोद कस्बे में एक छोटी-सी स्टेशनरी की दुकान के जरिए परिवार का गुजारा करते हैं, जबकि उनकी मां ज्योति हाउस वाइफ हैं. घर की आमदनी सीमित थी, लेकिन हौसले और उम्मीदें बहुत बड़ी थीं. मुकुंद ने बताया कि उनके पिता का सबसे बड़ा सपना था कि उनका बेटा एक दिन चार्टर्ड अकाउंटेंट बने. जब 10वीं कक्षा के बाद विषय चुनने का समय आया, तब पिता और बेटे ने साथ बैठकर यह फैसला किया कि अब जिंदगी का मकसद CA की परीक्षा पास कर इस सपने को साकार करना है.
कोविड में घर से शुरू की तैयारी
मुकुंद आगीवाल की शुरुआती पढ़ाई धामनोद स्थित गुरुकुल स्कूल में हुई. इसके बाद 2021 में उन्होंने कॉमर्स और मैथ्स के सब्जेक्ट के साथ अपनी बारहवीं की परीक्षा पास की. उस वक्त देशभर में कोरोना महामारी के कारण सब कुछ ठप था और कोचिंग क्लासेस तक जाना नामुमकिन हो गया था. ऐसे हालात में मुकुंद ने हार नहीं मानी. उन्होंने घर पर रहकर ही सीए फाउंडेशन की तैयारी शुरू की और अपनी मेहनत से शानदार नतीजा हासिल किया. 400 में से 344 नंबर लाकर उन्होंने सबको हैरान कर दिया था.
इंदौर और पुणे की राह से बना टॉपर
फाउंडेशन परीक्षा में सफलता के बाद मुकुंद इंदौर पहुंचे, जहां उन्होंने सीए इंटरमीडिएट की गहन तैयारी की. उनकी लगन और निरंतर मेहनत का नतीजा यह रहा कि उन्होंने ऑल इंडिया रैंक 24 (AIR-24) हासिल किया. इसके बाद मुकुंद ने अपनी पढ़ाई को और ऊंचाई देने के लिए पुणे का रुख किया. वहां उन्होंने एक नामचीन संस्थान में एडमिशन लिया और हर टॉपिक की अलग-अलग ऑनलाइन क्लास लीं.
दिन में ऑफिस, रात में पढ़ाई करते थे मुकुंद
चार्टर्ड अकाउंटेंट बनने का सफर आसान नहीं होता है और मुकुंद आगीवाल ने इसे अपने अनुभव से साबित किया. इंटरमीडिएट और फाइनल परीक्षा के बीच उन्होंने तीन साल की कठिन आर्टिकलशिप पूरी की. दिन का समय दफ्तर के काम में बीतता था, जबकि रातें पढ़ाई और कोचिंग के नाम रहती थीं. उन्होंने हमेशा विश्वास रखा कि सक्सेस का कोई शॉर्टकट नहीं होता है. इसिलए हमेशा मेहनत ही मंजिल तक पहुंचाती है. इसी समर्पण का नतीजा था कि इंदौर से फाइनल एग्जाम देते हुए मुकुंद ने 600 में से 500 नंबर यानी 83.33 प्रतिशत स्कोर कर ऑल इंडिया रैंक 1 हासिल की और अपने सपनों को साकार कर दिखाया.
हर टॉपिक के लिए चुने बेस्ट टीचर
मुकुंद के अनुसार, उन्होंने अपनी तैयारी में किसी एक टॉपिक पर नहीं, बल्कि हर टॉपिक पर समान ध्यान दिया. अकाउंटेंसी, लॉ, टैक्स और ऑडिट जैसे सभी विषयों के लिए उन्होंने सबसे बेस्ट टीचर्स से पढ़ाई की. हर छोटे-बड़े कॉन्सेप्ट को कई बार दोहराया ताकि कोई कमी न रह जाए.