पति को पेड़ से बांध पत्नी के साथ दरिंदों ने किया गैंगरेप, VIDEO बनाया और वायरल करने की दी धमकी

पिछले साल सितंबर में उज्जैन की भयावह घटना के बाद रीवा और इंदौर यौन उत्पीड़न मामलों ने मध्य प्रदेश को फिर से सुर्खियों में ला दिया है. एक मंदिर के पास पिकनिक स्पॉट पर एक कपल पर आरोपियों ने पति के सामने ही पत्नी का गैंगरेप किया.;

MP Gang Rape: मध्य प्रदेश में एक के बाद एक हुई रेप की घटना से लोगों सहम हो गए हैं. ये घटनाएं देश के 'सबसे स्वच्छ' शहर इंदौर से और दूसरी रीवा की है. इन घटनाओं से महिला सुरक्षा पर सवाल खड़े हो रहे हैं. बेखौफ अपराधी देश की बेटी की इज्जत की परवाह किए बिना घटना को अंजाम दे रहे हैं. जबकि हाल के कोलकाता के आर.जी. कर अस्पताल में एक डॉक्टर के साथ रेप-मर्डर और महाराष्ट्र के बदलापुर में दो नाबालिगों के साथ यौन शोषण की घटना को लेकर आक्रोश जारी है.

रीवा में एक मंदिर के पास पिकनिक स्पॉट पर एक कपल पर आरोपियों ने हमला कर दिया. इसके बाद पति को पेड़ से बांध दिया गया और उसकी पत्नी के साथ गैंगरेप किया गया. रेपिस्ट यहीं नहीं रुके. उन्होंने इस घटना का वीडियो बनाया और धमकी दी कि अगर कपल ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई तो वे वीडियो ऑनलाइन वायरल कर देंगे. यह घटना 21 अक्टूबर की बताई जा रही है. हालांकि, पुलिस ने अगले दिन मामला दर्ज किया और कुछ संदिग्धों को गिरफ्तार कर लिया गया.

इंदौर में रेप की घटना

इंदौर में एक दिहाड़ी मजदूर ने एक मानसिक रूप से विक्षिप्त महिला का यौन उत्पीड़न किया. सीसीटीवी फुटेज में महिला को मंगलवार सुबह करीब 3.45 बजे शहर के सदर बाजार इलाके में अर्धनग्न और खून से लथपथ घूमते हुए दिखाई दे रही है. मामले में पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए CCTV फुटेज खंगाला.

इससे पता चला कि उसे कुछ घंटे पहले ही एक कर्मचारी ने परेशान किया था, जिसकी पहचान अब सोनू के रूप में हुई है. फुटेज में दिखाया गया है कि सोनू महिला को उसके मिलने से एक घंटे से भी कम समय पहले उपचार केंद्र ले गया था. बाद में पुलिस ने बताया कि सोनू ने रेप की बात स्वीकार ली है.

2023 उज्जैन बलात्कार मामला

पिछले साल सितंबर में उज्जैन में हुई एक भयावह घटना के बाद रीवा और इंदौर में हुए यौन उत्पीड़न के मामलों ने मध्य प्रदेश को फिर से सुर्खियों में ला दिया है. उज्जैन में एक नाबालिग लड़की के साथ रेप किया गया और उसे खून से लथपथ सड़कों पर छोड़ दिया गया था. जब वह मदद के लिए दर-दर भटकती रही, लेकिन लोगों ने उसे भगा दिया था.

दो घंटे तक 500 से अधिक घरों और रेस्तरां तथा एक टोल बूथ के अधिकारियों ने उसे नजरअंदाज किया, जब तक कि एक मंदिर के पुजारी ने उसे नहीं देखा. पुजारी ने नाबालिग को देखते ही उसे अस्पताल पहुंचाया तथा पुलिस को मामले की सूचना दी.

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