4 लीटर पेंट, 233 मजदूर और 1 लाख का बिल, शहडोल के सरकारी स्कूल में रंग से ज़्यादा 'रंगबाज़ी'

4 लीटर पेंट के लिए कितने मजदूर चाहिए होते हैं? ज्यादा से ज्यादा 2-3, लेकिन मध्य प्रदेश के शहडोल के सरकारी स्कूल में इस काम के लिए 233 मजदूर लगे और 1लाख का बिल बना. सबसे हैरानी की बात यह बिल जिला शिक्षा अधिकारी ने बिना किसी सवाल-जवाब के पास भी कर दिया.;

( Image Source:  Freepik )
Edited By :  हेमा पंत
Updated On : 5 July 2025 4:31 PM IST

मध्यप्रदेश के शहडोल ज़िले का एक सरकारी हाई स्कूल अचानक सुर्खियों में आ गया है. वजह ना कोई परीक्षा परिणाम, ना कोई तकनीकी उपलब्धि बल्कि एक दीवार की पुताई, जिसे देखकर लोग दंग हैं. दरअसल, यहां महज़ 4 लीटर पेंट से दीवारें चमकाई गईं, लेकिन इस 'रंग-बिरंगे अभियान' में 233 लोगों को झोंक दिया गया.

आपने शायद ही कभी सुना होगा कि दीवार रंगने के लिए मजदूरों और मिस्त्रियों की पूरी फौज लगा दी गई हो. शहडोल के इस हाई स्कूल में यही हुआ. रिपोर्ट्स के मुताबिक, 168 मजदूरों और 65 मिस्त्रियों को सिर्फ 4 लीटर पेंट करने के लिए बुलाया गया और बिल लाख रुपये बना. यह सुनने में जितना अजीब लगता है, असल में उतना ही चौंकाने वाला भी है. 

1 लाख 6 हजार का 'रंगीन' बिल

इस अनोखे काम का खर्चा भी कम नहीं रहा. पुताई का बिल बना 1,06,000 बना, जिसे देखकर सोशल मीडिया पर लोग हैरान-परेशान हैं. मामला तब और गरमाया जब पता चला कि यह बिल जिला शिक्षा अधिकारी ने बिना कोई सवाल किए मंजूर भी कर दिया.

वायरल हुआ बिल, मचा बवाल

जैसे ही यह बिल सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, लोगों की प्रतिक्रिया की बाढ़ आ गई. किसी ने इसे 'सरकारी धन की रंगबाज़ी'  बताया, तो किसी ने लिखा 'एमपी में पेंट भी वीआई पी है'. सवाल उठने लगे कि क्या वाकई ये सिर्फ लापरवाही थी या फिर कोई सुनियोजित घोटाला?

जिला शिक्षा अधिकारी का बयान

जिला शिक्षा अधिकारी फूल सिंह मारपाची ने कहा कि उन्हें इस मामले की जानकारी सोशल मीडिया से मिली है और जांच के आदेश दिए जाएंगे. हालांकि, उनका यह बयान लोगों के गले नहीं उतर रही. सवाल उठता है कि क्या इतना बड़ा खर्च बिना देखे ही पास कर दिया गया?

शहडोल का यह स्कूल अब अपनी दीवारों की चमक से नहीं, बल्कि इस 'रंगीन कारनामे' की वजह से चर्चा में है. यह पेंटिंग सिर्फ स्कूल की दीवारों पर नहीं, बल्कि प्रशासन की कार्यशैली पर भी सवाल खींच रही है.

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