बेरहम दादी ने पहले पोती का काटा गला, फिर डस्टबिन में फेंका, डॉक्टरों ने दिया नवजात को जीवनदान

यह घटना मध्य प्रदेश के राजगढ़ शहर की है, जहां नवजात पीहू का जन्म हुआ था पुलिस के मुताबिक, क्रूरता के एक अकल्पनीय कृत्य में, पीहू की दादी ने उसका गला काट दिया और नवजात बच्ची को उसके जन्म के तुरंत बाद कूड़ेदान में फेंक दिया.;

Edited By :  रूपाली राय
Updated On : 15 Feb 2025 12:15 PM IST

मध्यप्रदेश से एक बुजुर्ग द्वारा इंसानियत को तार-तार करने का मामला सामने आया है. जहां एक दादी अपने पोते की चाह में इतनी गिर गई कि उसने अपनी नवजात पोती का गला काटकर सड़क किनारे कूड़ेदान में फेंक दिया. लेकिन कहते है 'जाको राखे साइयां मार सके न कोई' नवजात को कुछ लोगों ने अस्पताल पहुंचाया और बच्ची चमत्कारिक रूप से ठीक हो गई.

यह घटना मध्य प्रदेश के राजगढ़ शहर की है, जहां नवजात पीहू का जन्म हुआ था पुलिस के मुताबिक, क्रूरता के एक अकल्पनीय कृत्य में, पीहू की दादी ने उसका गला काट दिया और नवजात बच्ची को उसके जन्म के तुरंत बाद कूड़ेदान में फेंक दिया. बच्ची के रोने की आवाज सुनकर राहगीरों ने उसे देखा. पचोर पुलिस थाना प्रभारी अखिलेश वर्मा ने बताया कि सूचना मिलने के बाद पुलिस ने बच्चे को सिविल अस्पताल पहुंचाया.

नवजात को मिला जीवनदान 

सिविल सर्जन डॉ. पीएस परमार ने कहा कि नवजात के गले पर किसी धारदार हथियार से वार किया गया था. हालांकि, टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, भोपाल के कमला नेहरू अस्पताल में डॉक्टरों और नर्सों के अथक प्रयासों के बाद नवजात जीवित रहने में सफल रही. उसके गले पर चोट गहरी थी लेकिन सौभाग्य से कई सर्जरी के बाद नवजात को नया जीवन दान मिला.

एक महीने का लगा समय 

शिशु ने जीवित रहने के लिए बहादुरी से संघर्ष किया क्योंकि उसे गहन देखभाल में रखा गया था। एक महीने बाद डॉक्टरों ने उसे खतरे से बाहर बताया और शुक्रवार को डिस्चार्ज कर दिया. कमला नेहरू अस्पताल के एचओडी डॉ. धीरेंद्र श्रीवास्तव ने कहा, 'हमें एक महीने से अधिक का समय लगा. उसे गंभीर चोटें आईं, लेकिन उसने साहस दिखाया और बच गई. हमने उसे बाल कल्याण समिति की अनुमति से राजगढ़ के एक आश्रय गृह को सौंप दिया है.

कुछ महीने में अब तक तीसरा मामला 

पुलिस ने पहले मामला दर्ज किया था और अपराध के पीछे के लोगों का पता लगाने के लिए सीसीटीवी कैमरों के फुटेज को स्कैन किया था. पीहू की मां और दादी को अपराध में उनकी कथित शामिल के लिए गिरफ्तार किया गया था. डॉक्टर ने इस मामले गंभीरता दिखाते हुए कहा कि पिछले कुछ महीनों में यह तीसरा ऐसा मामला था. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, पिछले चार सालों में मध्य प्रदेश में देश में सबसे अधिक नवजातों फेंकने और छोड़ जाने के मामले दर्ज किए गए हैं.

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