रानी दुर्गावती यूनिवर्सिटी में उल्टा सिस्टम! पहले रिजल्ट, फिर परीक्षा? जानें क्या है मामला
सोचिए भला क्यो हो जब आपका बिना एग्जाम दिए रिजल्ट आ जाए? बच्चों के लिए इससे अच्छा कुछ नहीं हो सकता है. दरअसल जबलपुर के रानी दुर्गावती यूनिवर्सिटी में कुछ ऐसा ही हुआ है. जहां बच्चों ने पेपर नहीं दिया, लेकिन उन्हें नंबर मिल गए हैं.;
जबलपुर का रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय इन दिनों चर्चा में है, लेकिन वजह कुछ खास अच्छी नहीं है. बीबीए फर्स्ट ईयर के छात्रों को उस वक्त हैरानी हुई जब उन्हें अचानक 27 अप्रैल को अपना एग्जाम रिजल्ट मिल गया. पहले तो सबको लगा कि यूनिवर्सिटी ने बहुत तेज़ी से काम किया है और एक नई मिसाल कायम की है.
लेकिन कुछ ही देर में सच्चाई सामने आने लगी. पता चला कि सभी पेपर की परीक्षाएं तो अभी पूरी भी नहीं हुई थीं, फिर भी विश्वविद्यालय ने रिजल्ट जारी कर दिया. चलिए जानते हैं क्या है मामला.
क्या है मामला?
दरअसल, ओपेन इलेक्टिव सब्जेक्ट के अंदर आने वाले 'डेटा एनालिसिस एंड विज़ुअलाइजेशन थ्रू स्प्रेडशीट' पेपर की परीक्षा तो हुई ही नहीं थी. यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने जल्दी-जल्दी में रिजल्ट जारी कर तो दिया, लेकिन उन्हें यह याद ही नहीं रहा कि एक पूरा पेपर कराया ही नहीं गया था.
बीबीए होटल मैनेजमेंट में भी हुई गड़बड़
सिर्फ एक ही नहीं हुई थी. बीबीए होटल मैनेजमेंट के छात्रों के एग्जाम तो 25 अप्रैल को खत्म हो चुके थे, लेकिन अब पता चला है कि इसमें भी एक पेपर 'न्यूट्रीशन एंड डायबिटिक' जो कि वोकेशनल सब्जेक्ट के अंदर आता है, उसकी परीक्षा कराना ही भूल गए.
इस दिन होंगे एग्जाम
जब इस गलती का पता चला, तो अब सोमवार को विश्वविद्यालय के उपकुलसचिव ने परीक्षा के लिए एक नया आदेश जारी किया. इस आदेश में बताया गया कि 'डेटा एनालिसिस एंड विज़ुअलाइजेशन थ्रू स्प्रेडशीट' सब्जेक्ट का एग्जाम अब 3 मई को सुबह 7 से 10 बजे तक कराया जाएगा. आदेश की कॉपी विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर भी अपलोड कर दी गई है. लेकिन गलती सिर्फ एक ही नहीं थी.
एग्जामिनेशन कंट्रोलर को इस बात से बेखबर
जब विश्वविद्यालय की इन परीक्षा गड़बड़ियों पर सवाल उठने लगे, तो जिम्मेदार अधिकारियों के बयान भी उलझे हुए नजर आए. एग्जामिनेशन कंट्रोलर डॉ. रश्मि मिश्रा ने कहा कि 'सभी पेपर हो चुके हैं. कोई भी पेपर छूटा नहीं है. जब उनसे पूछा गया कि फिर 3 मई को जो परीक्षा का आदेश निकला है, वो किसने दिया, तो उन्होंने साफ कहा कि मुझे इस आदेश के बारे में कुछ नहीं पता है.'
कुलसचिव ने कहा- ऐसा कोई एग्जाम नहीं होगा
वहीं, कुलसचिव आर. के. बघेल का बयान भी कुछ अजीब सा था. पहले तो उन्होंने कहा कि 'मुझे इस मामले की कोई जानकारी नहीं है, लेकिन जब उन्हें आदेश दिखाया गया तो उन्होंने पलटकर कहा शायद यह आदेश गलती से वेबसाइट पर अपलोड हो गया है. ऐसी कोई परीक्षा नहीं हो रही है.'