300 से ज्यादा पुलिसकर्मी 144 घंटे, कैसे पकड़ा गया रायसेन में बच्ची से रेप का आरोपी सलमान? पुलिस ने किया था एनकाउंटर

गिरफ्तारी के बाद सलमान को रायसेन के गौहरगंज थाने ले जाया जा रहा था. रास्ते में औबेदुल्लागंज के पास जंगल में पुलिस की गाड़ी का टायर पंचर हो गया. जैसे ही गाड़ी रुकी और पुलिसवाले नीचे उतरे, सलमान ने मौका देखकर सब-इंस्पेक्टर श्याम राज की सर्विस रिवॉल्वर छीन ली और भागने की कोशिश की.;

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Edited By :  रूपाली राय
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मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में 21 नवंबर को एक बेहद दर्दनाक और दिल दहला देने वाली घटना हुई थी. एक 6 साल की नन्ही बच्ची के साथ 23 साल के युवक सलमान ने बलात्कार किया और फिर फरार हो गया. बच्ची को चॉकलेट का लालच देकर वह उसे जंगल में ले गया और यह जघन्य अपराध किया. इस घटना के बाद पूरे रायसेन जिले में गुस्सा फूट पड़ा था. लोग सड़कों पर उतर आए, सड़कें जाम कर दीं, थाने का घेराव किया और पत्थरबाजी तक की. जनता का गुस्सा इतना था कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को खुद पुलिस हेडक्वार्टर आना पड़ा. उन्होंने सख्त नाराजगी जताई और रायसेन के पुलिस कप्तान को हटा दिया. थाना प्रभारी को भी निलंबित कर दिया गया. पुलिस पर दबाव बहुत था. 11 टीमें बनाई गईं, 300 से ज्यादा पुलिसकर्मी लगाए गए और लगातार 144 घंटे (यानी पूरे 6 दिन) तक छापेमारी चलती रही. आखिरकार 27 नवंबर को आरोपी सलमान को भोपाल के गांधीनगर इलाके से पकड़ लिया गया.

सलमान भोपाल में छुपा हुआ था. वह पिछले दो दिनों से गांधीनगर और आसपास के इलाकों में किराए का मकान ढूंढ रहा था. वह एक चाय की दुकान पर भी गया, जहां उसने कई साल पहले काम किया था. संयोग से उसी इलाके में रहने वाले अब्दुल, रिजवान और आसिफ नाम के तीन लड़कों ने उसे देख लिया. उन्हें शक हुआ क्योंकि ये खबर पूरे राज्य में फैली हुई थी. उन्होंने तुरंत अपनी मोबाइल में रखी हुई आरोपी की फोटो से मिलान किया और पक्का होने के बाद स्थानीय पुलिस को सूचना दे दी. पुलिस तुरंत हरकत में आई और उसी चाय की दुकान से सलमान को दबोच लिया गया.

भागने की कोशिश में पैर में लगी गोली

गिरफ्तारी के बाद सलमान को रायसेन के गौहरगंज थाने ले जाया जा रहा था. रास्ते में औबेदुल्लागंज के पास जंगल में पुलिस की गाड़ी का टायर पंचर हो गया. जैसे ही गाड़ी रुकी और पुलिसवाले नीचे उतरे, सलमान ने मौका देखकर सब-इंस्पेक्टर श्याम राज की सर्विस रिवॉल्वर छीन ली और भागने की कोशिश की. पुलिस के मुताबिक सलमान ने पिस्तौल से दो राउंड फायरिंग भी की. पुलिस ने पहले हवाई फायरिंग कर चेतावनी दी, लेकिन वह नहीं माना. फिर पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की. कुल चार गोलियां चलाई गईं, जिनमें से एक गोली उसके दाहिने पैर में लगी. वह वहीं गिर पड़ा और घायल हो गया. पुलिस इंस्पेक्टर विजय त्रिपाठी ने बताया कि सलमान को हथियार चलाने का पुराना अनुभव लग रहा था, क्योंकि वह काफी शातिर तरीके से पिस्तौल छीनने और फायर करने की कोशिश कर रहा था. फिलहाल सलमान का इलाज भोपाल के हमीदिया अस्पताल में चल रहा है. उसकी हालत अब खतरे से बाहर है. 

मासूम बच्ची की हालत

छोटी बच्ची अभी भी भोपाल के बड़े सरकारी अस्पताल के आई.सी.यू. में भर्ती है. उसकी हालत स्थिर है, लेकिन उसकी स्थिति देखकर किसी का भी दिल रो देगा. उसके दोनों गाल बुरी तरह सूजे हुए हैं, घुटनों और हाथों पर गहरे घाव और छिलने के निशान हैं. शरीर पर कई जगह गंभीर चोटें आई हैं. डॉक्टरों का कहना है कि इन घावों के पूरी तरह भरने में 6 महीने तक लग सकते हैं. आरोपी सलमान का पुराना रिकॉर्डसलमान एक क्रशर प्लांट में चौकीदार का काम करता था. उसके खिलाफ पहले से ही सीहोर जिले के शाहगंज थाने में मोबाइल चोरी का मामला दर्ज है और वह वहाँ का स्थायी वारंटी (परमानेंट वारंट प्राप्त आरोपी) था.

मुख्यमंत्री ने क्या कहा?

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा, 'एक अबोध, मासूम बच्ची के साथ ऐसा जघन्य अपराध हुआ है. मैंने पहले ही कह दिया था कि हमारी पुलिस किसी को नहीं छोड़ेगी. जरा सी भी ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी.  आरोपी को भागते हुए एनकाउंटर करके पकड़ा गया है. हमारी पकड़ से कोई नहीं बच सकता. हम सबको साथ लेकर चलते हैं, लेकिन जो कानून हाथ में लेगा या ऐसी हैवानियत करेगा, उसे किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा.' 

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