MP: 'मुझे नहीं करनी ऐसी विधायकी', थाने में दर्ज नहीं हुई FIR तो भाजपा MLA ने तुरंत लिखा इस्तीफा

मध्य प्रदेश के भाजपा विधायक बृज बिहारी पटेरिया एक पीड़ित परिवार को इंसाफ दिलाने थाने गए थे, जहां उनकी एफआईआर दर्ज ना होने की वजह से वह पीड़ित परिवार के साथ धरने पर बैठ गए. धरने पर बैठे भाजपा विधायक ने एक डॉक्टर पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की है, लेकिन थाना प्रभारी ने एफआईआर दर्ज नहीं की तो वह नाराज हो गए और विधायक पद से इस्तीफा देने की बात करी.;

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Edited By :  संस्कृति जयपुरिया
Updated On : 11 Oct 2024 11:20 AM IST

मध्य प्रदेश के सागर जिले के देवरी से एक खबर आ रही है जहां भाजपा विधायक बृज बिहारी पटेरिया एक पीड़ित परिवार के इंसाफ दिलाने के लिए केसली थाने पहुंचे. लेकिन पुलिस के काम करने के तरीके को देख विधायक नाराज हो गए और फिर पीड़ित परिवार और उनके समर्थकों के साथ थाना परिसर में धरने पर बैठ गए.

धरने पर बैठे भाजपा विधायक ने एक डॉक्टर पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की है, लेकिन थाना प्रभारी ने एफआईआर दर्ज नहीं की तो वह नाराज हो गए और विधायक पद से इस्तीफा देने की बात करी. इस संबंध में उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष को इस्तीफा लिखकर भेज दिया. अब विधायक का वह वीडियो ोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.

डॉक्टर ने पोस्टमार्टम की रिपोर्ट देने से किया इनकार

विधायक बृज बिहारी पटेरिया का कहना है कि रोहित यादव के पिता की सांप काटने की वजह से जान चली गई थी. इसपर पीड़ित परिवार रिपोर्ट लिखवाने थाने पहुंचे थे, मृतक का पोस्टमार्टम हुआ था. डॉक्टर पोस्टमार्टम की रिपोर्ट देने से मना कर रहा था, वह इसके लिए रिश्वत की मांग कर रहा था. पीड़ित परिवार वालों का कहना है कि डॉक्टर ने कहाहै कि अगर हमलोग ने पैसे नहीं दिए तो वह रिपोर्ट में ये नहीं लिखेंगे की मौत सांप के काटने की वजह से हुई है.

दर्ज नहीं की एफआईआर

विधायक ने आगे कहा कि पीड़ित परिवार गरीब है, उनके पास पैसे नहीं थे. डॉक्टर ने जो रिपोर्ट बनाई उसमें मौत की वजह सांप काटना नहीं लिखा. हमने टीआई को भी फोन किया, एसपी साहब से बात हुई. सभी का कहना है कि यह मामला गंभीर है. आपको रिपोर्ट लिखने में क्या परेशानी है, रिपोर्ट लिखिए और मामले की जांच करिए. एफआईआर सही है तो कार्यवाई करिए वरना मत करिए. इस बात को लेकर मामला भड़क गया और अब वह रिपोर्ट लिखने को तैयार नहीं. वे लोग अब सर्कुलर दिखा रहे है, कह रहे की यह गवर्नमेंट का सर्कुलर है, स्टेट गवर्नमेंट का सर्कुलर है.

ऐसी विधायकी अब मुझे नहीं करना- विधायक

पटेरिया का कहना है कि मैंने थाना प्रभारी को कहा कि जब निर्वाचित विधायक के खिलाफ एफआईआर हो सकती है तो डॉक्टर के खिलाफ क्यों नहीं . ऐसा विधायक होने का कोई मतलब नहीं है. अगर विधायक को पीड़ित पक्ष की रिपोर्ट लिखवाने खुद थाने आना पड़ रहा है तो इससे ज्यादा शर्मनाक और क्या हो सकता है और यह सब तब हुआ जब सत्ता पक्ष के विधायक थाने में खुद आए. इसलिए मैंने इस्तीफा दे दिया-'ऐसी विधायकी मुझे नहीं करनी है.'

इस्तीफा देने की बात से पलटे

वहीं इस घटना के कुछ देर बाद ब्रज बिहारी पटेरिया अपनी बोली हुई बात से पलट गए, उन्होंने कहा- 'हमने गुस्से में आकर इस्तीफा दिया था. अब इस्तीफा देने जैसी कोई बात नहीं है. संगठन और सरकार मेरे साथ है. मैं स्पीकर और मुख्यमंत्री के आदेश का मैं पालन करूँगा.'

वहीं, इस मामले को लेकर अब कांग्रेस ने बीजेपी को घेर लिया है. सोशल मीडिया एक्स पर कांग्रेस ने ट्वीट कर कहा कि विधायक अपने क्षेत्र के एक पीड़ित के लिए थाना केसूली पहुंचे थे, लेकिन पीड़ित की एफआईआर दर्ज नहीं की गई. कांग्रेस ने कहा है कि मध्य प्रदेश में भाजपा के जनप्रतिनिधियों की ही सुनवाई नहीं हो रही है, तो आम जनता फिर क्या ही उम्मीद कर सकती है.

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