लाल जोड़े में दुल्हन करती रही इंतज़ार, दूल्हे का आया फोन, बोला - मेरा काम हो गया, नहीं लाऊंगा बारात
शादी के दिन बिना किसी पूर्व जानकारी के इस तरह से शादी तोड़ना, न सिर्फ एक लड़की की भावनाओं के साथ खेलना है, बल्कि पूरे परिवार की प्रतिष्ठा और भावनाओं को भी ठेस पहुंचाना है. पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है.;
छतरपुर, मध्यप्रदेश का एक आम सा शहर, लेकिन 15 मई की वो शाम एक युवती के जीवन की सबसे खास शाम बनने वाली थी। एक ऐसी शाम, जिसके लिए उसने न जाने कितने सपने देखे थे,अपनी शादी की शाम. हल्दी की खुशबू, महकती मेहंदी, सजती चूड़ियाँ, सजी हुई दुल्हन और 300 मेहमानों से भरा उसका घर हर कोई एक्साइटेड और खुश था. हर कोना सजाया गया था, हर रस्म निभाई जा चुकी थी, बस इंतजार था तो बारात के आने का, लेकिन किसे पता था कि ये इंतज़ार कभी खत्म ही नहीं होगा.
दुल्हन, जिसने महीनों पहले अपनी शादी की तैयारियां शुरू की थीं, अपने लाल जोड़े में सजी-धजी मुस्कुरा रही थी. परिवार वालों के चेहरे पर भी वही उम्मीदें थीं, जो हर माता-पिता की होती हैं, अपनी बेटी को दुल्हन के रूप में देखकर उसकी नई शुरुआत का स्वागत करना. लेकिन शाम गहराने लगी, और बारात का कोई अता-पता नहीं था.
घरवाले देते रहे दिलासा
घरवालों को पहले थोड़ी चिंता से शुरुआत हुई....उन्होंने सोचा शायद ट्रैफिक में होंगे, किसी ने कहा, 'शायद कोई रस्म रह गई हो," किसी और ने दिलासा दिया. लेकिन जब बार-बार कॉल करने पर भी कोई जवाब न मिला, तो घर का माहौल बदलने लगा. आखिरकार, दूल्हे भरत अहिरवार के परिवार से संपर्क हुआ और उनका जवाब सुनकर जैसे बिजली गिर पड़ी-'हम बारात नहीं ला रहे हैं.' हालांकि जब खुद भरत से पूछा गया कि क्यों, तो उसका जवाब पूरे परिवार को झकझोर गया. उसने साफ सीधे शब्दों में कहा- मेरा काम हो गया है..अब मैं बारात नहीं लाऊंगा.'
टूटी उम्मीदें और गहरा अपमान
सिर्फ ये चार शब्द, और उस दुल्हन की दुनिया पल भर में बिखर गई. जिस घर में अभी तक हंसी-ठिठोली चल रही थी, वहां अब सन्नाटा था. रिश्तेदारों की आंखों से आंसू बहने लगे, और वे चुपचाप विदा लेने लगे. कोई विदाई नहीं, कोई विदा गीत नहीं, सिर्फ टूटी उम्मीदें और गहरा अपमान. दुल्हन ने हिम्मत जुटाकर छतरपुर एसपी कार्यालय में जाकर शिकायत दर्ज कराई. उसने बताया कि वह भरत के साथ पिछले छह महीनों से रिलेशनशिप में थी. दोनों परिवारों की सहमति से शादी तय हुई थी, लेकिन ऐन वक्त पर, भरत ने वादा तोड़ दिया.
पुलिस कर रही है कार्रवाई
शादी के दिन बिना किसी पूर्व जानकारी के इस तरह से शादी तोड़ना, न सिर्फ एक लड़की की भावनाओं के साथ खेलना है, बल्कि पूरे परिवार की प्रतिष्ठा और भावनाओं को भी ठेस पहुंचाना है. पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है. यह सिर्फ एक शादी टूटने की कहानी नहीं है, यह एक ऐसे भरोसे के टूटने की कहानी है, जिसने एक लड़की के सपनों को चकनाचूर कर दिया. एक ऐसा ख्वाब, जो बिना अल्फाज़ के बिखर गया सिर्फ चार शब्दों में-'मेरा काम हो गया है'