कौन हैं VC राजेश कुमार वर्मा जिनपर महिला ने लगाया सेक्सुअल असॉल्ट का आरोप? HC ने SIT बनाने का दिया आदेश
Madhya Pradesh HC: एक महिला अधिकारी ने रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर के चांसलर राजेश कुमार वर्मा पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. यूनिवर्सिटी प्रशासन की जांच रिपोर्ट पर संदेह होने के बाद., मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को एसआईटी टीम का गठन करने का आदेश दिया है.;
Madhya Pradesh HC: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर के चांसलर राजेश कुमार वर्मा पर लगे यौन उत्पीड़न की जांच के लिए SIT गठन करने का आदेश दिया है. जस्टिस विशाल मिश्रा ने यह आदेश दिया है. पहले उन्होंने सीसीटीवी फुटेज के गायब होने पर चिंता जताई थी. क्योंकि वह भी एक पुख्ता सबूत है.
जानकारी के अनुसार, कॉलेज की महिला अधिकारी ने राजेश कुमार पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. कोर्ट ने अब मामले की जांच के लिए राज्य सरकार को एसआईटी टीम का गठन करने का आदेश दिया है. एसआईटी सबूतों और गवाहों के आधार पर जांच करेगी और कोर्ट में रिपोर्ट पेश करेगी.
SIT टीम का गठन
इस मामले की जांच के लिए एसआईटी की टीम में 3 सीनियर आईपीएस अधिकारियों शामिल होंगे, जिसमें एक महिला अधिकारी का होना अनिवार्य है. यह टीम जबलपुर जिले के बाहर के अधिकारियों से बनाई जाएगी और IG रैंक के अधिकारी इसकी अध्यक्षता करेंगे. बता दें कि SIT को 16 जून तक अपनी रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया गया है.
हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान विश्वविद्यालय की आंतरिक समिति की जांच पर भी सवाल उठाए हैं, जिसमें कहा गया है कि समिति ने आवश्यक सबूत इकट्ठा करने में कोई रुचि नहीं दिखाई. साथ ही सीसीटीवी फुटेज के बारे में सही रिपोर्ट पेश नहीं की. कोर्ट को संदेह है कि वे विश्वविद्यालय के उच्च अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं.
यूनिवर्सिटी प्रशासन पर उठे सवाल
महिला अधिकारी की याचिका में बताया गया था कि यूनिवर्सिटी प्रशासन ने घटना के दिन की सीसीटीवी फुटेज जांच कमेटी के साथ पेश नहीं की. इसके पीछे सीसीटीवी में खराबी आने का बात कही गई और कहा कि फुटेज डाउनलोड नहीं हो पा रही है. जबकि जिला कलेक्टर ने यूनिवर्सिटी में लगे कैमरे की जांच के आदेश भी दिए हैं.
जिला कलेक्टर ने जांच पर असंतुष्टि जाहिर की. उन्होंने बताया कि जांच कमेटी शिकायत की जांच के दौरान सबूत इकट्ठा करने में कोई रुचि नहीं दिखाई. महिला के साथ दफ्तर में इस तरह की हरकत के बाद भी अधिकारी मनमानी कर रहे हैं.
क्या है मामला?
महिला अधिकारी ने चांसलर राजेश वर्मा पर आरोप लगाया कि वर्मा ने 21 नवम्बर 2024 को एक बैठक के दौरान उनको गंदे इशारे और भद्दे कमेंट किए. उन्होंने घटना के दिन के सीसीटीवी फुटेज की मांग की, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने टेक्निकल इश्यू बताकर फुटेज नहीं दी. इसके बाद महिला ने चांसलर के खिलाफ मामला दर्ज गया जो कि कोर्ट तक पहुंच गया.
कौन हैं राजेश कुमार वर्मा?
राजेश कुमार वर्मा मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के कुलाधिपति (चांसलर) हैं. अभी वह गंभीर आरोपों के घेरे में हैं. उन पर विश्वविद्यालय की एक महिला अधिकारी ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है. यह मामला 21 नवम्बर 2024 की एक बैठक से जुड़ा है, जिसमें महिला का आरोप है कि राजेश वर्मा ने उनके साथ अभद्र इशारे किए और आपत्तिजनक टिप्पणियां की. कौन हैं राजेश कुमार वर्मा जिनपर महिला ने लगाया सेक्सुअल असॉल्ट का आरोप? HC ने SIT बनाने का दिया आदेश