बहन का करता था पीछा..., 'फ्री फायर' गेम के बहाने दोस्ती कर शख्स ने उतारा मौत के घाट
जबलपुर में कटंगी के थूहा पड़रिया गांव में 9 अक्टूबर को तालाब में एक लाश मिली. लाश की पहचान अरुण लोधी के नाम से हुई थी जिसकी उम्र 20 साल है. 1 अक्टूबर को फ्री फायर गेम खेलने के बहाने से आनंद ने अरुण को अपने घर बुलाया और फिर दोस्ती कर उतारा मौत के घाट. जानें पूरी कहानी.;
मध्य प्रदेश के जबलपुर से एक मामला सामने आ रहा है, जहां दोस्ती करके युवक को मौत के घाट उतार दिया. घटना जबलपुर के कटंगी की है. पुलिस ने मोबाइल लोकेशन और अन्य डिटेल की मदद से आरोपी की पहचान कर ली है. साथ ही आरोपी ने अपना जुर्म भी कबूल लिया है. आरोपी ने पुलिस को बताया कि बहन पर बुरी नजर रखता था, इसलिए हत्या को अंजाम दिया.
कटंगी के थूहा पड़रिया गांव में 9 अक्टूबर को तालाब में एक लाश मिली. लाश की पहचान अरुण लोधी के नाम से हुई थी जिसकी उम्र 20 साल है. अरुण 1 अक्टूबर से गायब था. पुलिस ने इस मामले में आंनद (19) को गिरफ्तार किया है. आनंद और अरुण दोस्त थे.
फ्री फायर गेम के बहाने करी हत्या
पुलिस द्वारा पूछे जानें पर आंनद ने बताया की अरुण उसकी बहन को बुरी नजर से देखता था. इस बात का पता लगने पर बदला लेने के लिए आनंद ने उससे दोस्ती करी और घुल मिल गए. 1 अक्टूबर को फ्री फायर गेम खेलने के बहाने से आनंद ने अरुण को अपने घर बुलाया. आधें घंटे तक गेम खेलने के बाद, रोजाना की तरह आनंद,अरुण और एक राघवेंद्र नाम का लड़का गांव के चबूतरे पर बैठे थे और फिर तीनों घूमने निकल गए. करीब रात 9:30 बजे तीनों वापस गांव आए और फिर अरुण और राघवेंद्र घर चले गए. आनंद अपनी गर्लफ्रैंड से बात करने लगा, फिर थोड़ी देर बाद अरुण को फोन किया करीब 10 बजे और एक बार फिर से गेम खेलने को कहा.
गेम खेलने के बाद दोनों दोस्त टहलते हुए तालाब के पास पहुंचे और फिर अचानक मौका देखकर अनंद ने अरुण के सिर पर लोहे का पाना मार दिया. यह पाना आनंद के पास पहले से था और घटना के बाद आनंद ने अरुण को तालाब में धक्का दे दिया.
पुलिस में कराई शिकायत दर्ज
घटने के दूसरे दिन अरुण के घर वालों ने थाने में शिकायत दर्ज कराई. आनंद भी उनके साथ दोस्त की तालाश में गया. फिर 8 दिन बाद यानी 9 अक्टूबर को तालाब में अरुण का शव मिला. पुलिस की जांच के बाद पता लगा कि अरुण का मोबाइल उसके गायब होने के बाद से बंद है. पुलिस ने फिर लोकेशन और डिटेल निकलवाई, जिसमें पता चला कि आखिरी बार अरुण से आनंद ने ही बात की थी.
पुलिस का सख्त बरताव देख आनंद ने अपना जुर्म कबूल लिया. उसने बताया की मेरी छोटी बहन पर अरुण की नजर थी, उसके आते-जाते समय वह पीछा करता था. इस बात के बाद से ही आनंद ने यह कदम उठाया.